Uttarakand News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने बुधवार को तकनीकी पदों समेत समूह 'ग' की सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था तत्काल समाप्त करने और पीसीएस या अन्य उच्च पदों पर साक्षात्कार का प्रतिशत कुल अंकों के 10 प्रतिशत से ज्यादा न रखने की घोषणा की.


मुख्यमंत्री ने यह घोषणा नैनीताल जिले के हल्द्वानी में राज्य सरकार द्वारा नकल विरोधी कानून लागू करने के लिए उसका आभार व्यक्त करने के लिये भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित आभार रैली में की. इस मौके पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए धामी ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिये समूह 'ग' की सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाएगी.


क्या बोले सीएम धामी?
सीएम धामी ने कहा, 'समूह 'ग' की कोई भी परीक्षा, चाहे वह लोक सेवा आयोग से बाहर की हो या लोक सेवा आयोग द्वारा कराई जा रही हो, सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाएगी. इसमें तकनीकी पद भी सम्मिलित होंगे अर्थात जेई (अवर अभियंता) जैसे तकनीकी पदों में भी साक्षात्कार की व्यवस्था पूर्ण रूप से समाप्त कर दी जाएगी.' उन्होंने साक्षात्कार की आवश्यकता वाले सिविल सेवा तथा अन्य उच्च पदों में भी साक्षात्कार का प्रतिशत कुल अंकों के 10 प्रतिशत से ज्यादा न रखे जाने की भी घोषणा की ।


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उन्होंने कहा, ' साक्षात्कार में किसी भी अभ्यर्थी को यदि 40 प्रतिशत से कम और 70 प्रतिशत से अधिक अंक दिए जाते हैं तो साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति या बोर्ड को इसका स्पष्ट कारण बताना होगा.' मुख्यमंत्री ने कहा कि कड़ी मेहनत के दम पर परीक्षा देने वाले नौजवान के हक पर कोई डाका न डाल सके और उसके हिस्से की सफलता का कोई और लाभ न उठा सके, इसके लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए हमने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून बनाया है.


धांधली करने वालों पर एक्शन
सीएम धामी ने कहा, 'यह कानून नकल माफिया को उसके गिरेबान से पकड़कर, घसीटता हुआ काल कोठरी के अंदर तक ले जायेगा. मेरे युवा साथियों, आप लोग अब निश्चिंत रहें, मेरे किसी भी युवा साथी के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा.'


उत्तराखंड में पिछले कुछ महीनों में राज्य सेवा अधीनस्थ चयन आयोग और राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गयी आधा दर्जन भर्ती परीक्षाओं में धांधली की शिकायतें सामने आयी हैं. जिनकी विवेचना पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और विशेष जांच दल (एसआइटी) द्वारा की जा रही हैं. इन परीक्षाओं के संबंध में अब तक करीब 70 आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है.


हालांकि, बेरोजगार संघ तथा प्रदेश के अन्य संगठनों द्वारा इन प्रकरणों की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग को लेकर उग्र आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को उच्च न्यायालय से इन विवेचनाओं की निगरानी के लिए उच्च न्यायालय के एक न्याायाधीश को नामित करने का अनुरोध किया है.