Uttarakhand Land Law: उत्तराखंड में भू-कानून लागू करने को लेकर लंबे समय से चली आ रही मांग को अब धामी सरकार ने गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संकेत दिए हैं कि आगामी विधानसभा बजट सत्र में एक सख्त भू-कानून लाया जा सकता है. इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया जा रहा है. इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व नौकरशाह शामिल होंगे, जो भू-कानून को लेकर गहन मंथन करेंगे.
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में इस महत्वपूर्ण बैठक को लेकर प्रदेशवासियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों की निगाहें टिकी हैं. उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर एक सख्त भू-कानून लागू करने की मांग उठती रही है. राज्य आंदोलनकारियों और कई सामाजिक संगठनों का मानना है कि प्रदेश में जमीनों की अवैध खरीद-फरोख्त और दुरुपयोग की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसे नियंत्रित करने के लिए सख्त भू-कानून जरूरी है.
बैठक को लेकर बढ़ी उत्सुकता
गैरसैंण में आज होने वाली बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडेय, सुभाष कुमार, पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी और पूर्व सचिव एसएस रावत जैसे वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित होंगे. इस बैठक में राज्य के हित और जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भू-कानून का मसौदा तैयार करने पर विचार किया जाएगा. इस बैठक को लेकर प्रदेश की जनता में उत्सुकता है, क्योंकि इससे राज्य में भूमि संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम उठाए जाने की उम्मीद है.
यह बैठक गैरसैंण में आयोजित की जा रही है, जो उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी है. यह स्थान राज्य आंदोलन की भावना और जन आकांक्षाओं का प्रतीक माना जाता है, ऐसे में गैरसैंण में भू-कानून पर चर्चा कर सरकार ने एक मजबूत संदेश देने का प्रयास किया है. गैरसैंण में आज दोपहर करीब 12:30 बजे से शुरू होने वाली इस बैठक के बाद उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्दी ही इस मुद्दे पर ठोस निर्णय लेगी.
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