Jyotirmath: मुख्यमंत्री ने जोशीमठ को दिया ज्योतिर्मठ का नाम, जानें मठ का धार्मिक इतिहास
Joshimath: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बाद अब जोशीमठ को ज्योतिर्मठ के नाम से जाना जाएगा. इसका पूराना धार्मिक इतिहास रहा है.
CM Pushkar Singh Dhami: जोशीमठ को मिला अब अपने प्राचीन नाम जाना जाएगा. अब जोशीमठ को ज्योतिर्मठ नाम से जाना जाएगा. यहां आठवीं सदी में भगवान शंकर के 11 वें अवतार आदि गुरु शंकराचार्य आए थे. उन्होंने अमर कल्प वृक्ष के नीचे पांच साल तपस्या की और शंकर भास्य सहित अन्य धार्मिक ग्रन्थों की रचना की. उन्हें अमर कल्प वृक्ष के नीचे तपस्या कर दिव्य ज्ञान ज्योति की प्राप्ति हुई थी. दिव्य ज्ञान ज्योति और जयोतेश्वर महादेव की वजह से अब ज्योतिर्मठ का नाम दिया गया है. भारत को एकसूत्र में बधने के लिए भारत के चार कोनो में चार पीठ की स्थापना की गई. जिसमें उत्तर में सबसे पवित्र पीठ ज्योतिर्मठ कहलाया और आदि गुरु शंकराचार्य ने यही सें लुप्त हो रहे सनातन धर्म की रक्षा की थी.
शंकराचार्य ने जताई थी इच्छा
आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य की तपस्थली जोशीमठ को ज्योतिर्मठ के नाम से जाने जाना लगा था. यह विकास खण्ड पैनखंडा जोशीमठ के नाम से ही प्रचलित हो गया था. हालांकि नाम परिवर्तन की कवायद पूर्व में कई बार हुई लेकिन कवायद सफल नहीं हो सकी. जून 2016 में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती जी महाराज ने जोशीमठ में आयोजित एक धार्मिक समारोह में जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ किये जाने की इच्छा जाहिर की थी.
मुख्यमंत्री ने की घोषणा
घाट ब्लॉक का नाम नंदानगर किए जाने के शासनादेश के बाद जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ किए जाने का मामला भी तूल पकड़ने लगा. विधायक प्रतिनिधि सुभाष डिमरी द्वारा विधायक महेन्द्रभट्ट को नगर पालिका व जिला पंचायत से पारित प्रस्तावों की प्रतियां भेजते हुए यथाशीघ्र कार्यवाही का आग्रह किया. बद्रीनाथ विधायक महेन्द्र भट्ट ने बीती 20 दिसम्बर 2021 को मुख्यमंत्री को पत्र भेजा. शनिवार को नंदानगर में आयोजित विजय संकल्प यात्रा के दौरान अपनी अन्य मांगों के साथ जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ किये जाने की मांग को भी प्रमुखता से मुख्यमंत्री के सामने रखा. जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ज्योतिर्मठ के पौराणिक महत्व को समझते हुए जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ किये जाने की घोषणा की.
मुख्यमंत्री का जताया आभार
ज्योतिर्मठ नाम किए जाने पर पैनखंडा के जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है. ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य मुकुंदानंद ब्रह्मचारी ने ज्योतिर्मठ की गरिमा के अनुसार नाम मिलने पर क्षेत्र के विधायक एवं उत्तराखंड सरकार को इस पुनीत कार्य के लिए साधुवाद दिया है.
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