Uttarakhand Government News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) अपने कुशल नेतृत्व में राज्य को विकास के पथ पर आगे बढाते हुए नजर आते हैं. अब सरकार की चिंता विकास से ज्यादा मंत्रियों के विवादित बयान से हो रहा है. 2022 विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता पर काबिज हुई धामी सरकार के मंत्री लगातार अपने बयानों और कारनामों के चलते सरकार की फजीहत कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. वर्तमान समय में धामी कैबिनेट के तीन मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सतपाल महाराज और धन सिंह रावत ऐसे हैं जो अपने विभागों को लेकर सवालों के घेरे में हैं.


सरकार अपनी छवि सुधारने में जुटी


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अधिकारियों को पहले ही सख्त निर्देश दे चुके हैं कि काम के प्रति कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. वहीं सीएम ने मंत्रियों को भी प्रभारी मंत्री बनाने के सभी जिलों का दौरा करने की बात कही है. ताकि विकास सिर्फ मैदानी जिलों तक सीमित ना रहे, बल्कि पर्वतीय क्षेत्रों में भी विकास हो सके. इसका एक तर्क यह भी है कि बीजेपी सभी मिथक तोड़ते हुए दोबारा सत्ता पर काबिज हुई है. ऐसे में अपनी सत्ता को बरकरार रखने के लिए राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है कि वह जनता के बीच अपनी अच्छी छवि को बनाए रखे. 


मुख्यमंत्री धामी केंद्र के सहयोग से राज्य में विकास की रफ्तार दोगुनी करने में लगे हुए हैं. क्योंकि राज्य सरकार लगातार इस बात पर फोकस कर रही है कि सरकार की ओर से संचालित तमाम योजनाओं का लाभ जनता को मिल सके. इसके अलावा सरकार के तमाम बड़े प्रोजेक्ट संचालित करने पर जोर दिया जा रहा है. ताकि उत्तराखंड में ना सिर्फ विकास हो, बल्कि राज्य में केंद्रीय प्रोजेक्ट अधिक से अधिक लाने में कामयाबी मिले. इससे आम जनता को भी काफी अधिक फायदा पहुंचेगा.


जहां एक ओर राज्य सरकार केंद्र के प्रोजेक्ट्स को उत्तराखंड लाने पर ध्यान दे रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार के मंत्रियों के विवादित बोल उनके लिए चिंता बढ़ा रही है. क्योंकि विवादित बयानों से सरकार की छवि तो धूमिल हो रही है. साथ ही जिन वादों को लेकर सरकार चुनाव के दौरान जनता के बीच गई थी, अब जनता का भरोसा भी सरकार से हटता हुआ नजर आ रहा है.


ये मंत्री करा चुके हैं फजीहत


वर्तमान समय में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज फर्जी डिजिटल सिग्नेचर जांच मामले को लेकर फजीहत करा रहे हैं. वहीं धन सिंह रावत भी अपने विभाग सहकारिता को लेकर कई बार फजीहत करा चुके हैं. हालांकि, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का विधानसभा में भर्ती मामला काफी अधिक चर्चाओं का विषय रहा है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने राज्य सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री पाक साफ होने की बात कह रहे हैं, लेकिन खुद मंत्री अपनी सरकार की फजीहत कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.


सरकार के कई ऐसे कैबिनेट मंत्री इस समय विवादित बयानों से मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. गणेश गोदियाल ने कहा कि सहकारिता विभाग के जांच की पत्रावली दो बार मंत्री के पास पहुंची, लेकिन मंत्री खुद भ्रष्टाचार के सूत्रधार हैं. यही वजह रहा कि खुद मंत्री ने डांट कर जांच फाइल को वापस भेज दिया. ऐसे में इन नेताओं के पद पर रहते हुए घोटालों का जांच होना संभव नहीं है.


कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के आरोप पर अब मंत्री धन सिंह रावत सिर्फ अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा कि कोऑपरेटिव विभाग में जितनी भी नियुक्तियां होती है वह बोर्ड करती है. लिहाजा जब उन्हें भर्ती में कुछ घोटाले की बात पता चली तो उन्होंने खुद इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए. उन्होंने कहा कि जैसे ही जांच की फाइल उनके पास आएगी, वह आगे की कार्रवाई करेंगे.


क्या कहा बीजेपी ने?


दूसरी ओर सरकार का बचाव करते हुए बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि सीएम धामी राज्य को 2025 तक अग्रणी राज्य बनाए जाने पर काम कर रहे हैं. साथ ही तमाम योजनाएं राज्य में तेजी से संचालित की जा रही है. ऐसी सरकार और संगठन दोनों के बीच तालमेल अच्छा रहता है और दिखाई देता है. उन्होंने आगे कहा कि कई बार कुछ लोग ऐसा काम कर देते हैं, जो उसे अपेक्षित नहीं होती है. ऐसे में यह होना चाहिए कि हम सामूहिक जिम्मेदारी के साथ काम करते रहें. राज्य जल्द ही देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में शुमार हो जाएगा.


धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, धन सिंह रावत के साथ सतपाल महाराज कद में सरकार के नंबर दो के मंत्री हैं. ये अपने बयानों और फैसलों से सरकार के लिए राहत कम मुसीबत ज्यादा खड़ी करते नजर आते हैं. ऐसे में सीएम पुष्कर सिंह धामी राज्य में विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए जिस स्पीड के साथ काम कर रहे हैं उसी स्पीड पर मंत्रियों के विवादित बयान ब्रेक लगाने का काम कर रहे हैं. 


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