Pushkar Singh Dhami News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) अपने तय कार्यक्रम के अनुसार चम्पावत (Champawat) के पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी के साथ जनपद के सीमांत मंच क्षेत्र में पहुंचे, जहां आम जनता व कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. जिसके बाद उन्होंने लगभग 5 किलोमीटर पैदल चलकर पौराणिक गोरखनाथ मंदिर में दर्शन किये.


मंदिर में दर्शन के बाद मुख्यमंत्री धामी ने पार्टी कार्यकर्ताओं एवं क्षेत्रीय जनता को संबोधित करते हुए क्षेत्र के लिए भविष्य में किये जाने वाले कुछ विकास कार्यों की जानकारी दी. मुख्यमंत्री धामी ने क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करते हुए, क्षेत्र के एवं प्रदेश के समग्र विकास की बात कही.


मतदाताओं की नब्ज को भी टटोला


मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चम्पावत जनपद की उत्तराखंड में अलग ही पहचान बनेगी और चम्पावत उत्तराखंड के मानचित्र में अलग ही चमकेगा. कुल मिलाकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरु गोरखनाथ के दर्शन के साथ साथ ही सीमांत मंच तामली क्षेत्र के मतदाताओं की नब्ज को भी टटोला क्योंकि मंच क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपचुनाव चम्पावत विधानसभा क्षेत्र से ही लड़ना है, और खटीमा से विधानसभा चुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री धामी अपने हर कदम को फूंक फूंक कर रख रहे हैं.


सीएम धामी ने कहा कि जब तक प्रदेश के 13 के 13 जिले विकास के पथ पर नहीं चल पड़ते हैं तब तक प्रदेश का विकास संभव नहीं हैं. हम इसके लिए हर संभव कदम उठाएंगे और अगर जरूरत पड़ी तो केंद्र सरकार से भी मदद लेंगे. जल्द ही आप देखेंगे कि प्रदेश विकास की राह पर आगे बढ़ रहा होगा.


बता दें कि मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी चंपावत से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. चंपावत के पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी (Kailash Chandra Gahtori) ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ दी है. पूर्व विधायक गहतोड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को अपना इस्तीफा सौंप दिया.


इस्तीफा सौंपने के बाद कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि मैंने इस्तीफा किसी स्वार्थ नहीं दिया है. उन्होंने का सीएम के चम्पवात से विधायक बनने में क्षेत्र का बेहतर विकास हो सकेगा अब सीएम धामी के कदम पड़ेंगे तो क्षेत्र का विकास संभव हो पाएगा.


बात दें कि खटीमा से पुष्कर सिंह धामी को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद भी भारतीय जनता पार्टी ने अपने इस युवा चेहरे पर भरोसा दिखाया. उन्हें दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. अभी वे विधानसभा के सदस्य नहीं हैं. ऐसे में नियम के अनुसार, उन्हें छह माह के भीतर उन्हें विधानसभा की सदस्यता लेनी जरूरी होगी.


इसे भी पढ़ें:


Uttarakhand Bypoll: चंपावत सीट पर सीएम धामी को घेरने के लिए कांग्रेस कितनी तैयार, जानिए- क्या है विकल्प?


Crime News: रुद्रपुर कोर्ट में पुलिस की सतर्कता ने हथियारबंद बदमाशों की साजिश को किया नाकाम, जानिए- क्या था उनका प्लान