Uttarakhand: संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने में अहम कदम होगा कॉमन सिविल कोड: सीएम पुष्कर सिंह धामी
Common Civil Code: समान नागरिक संहिता को सीएम धामी ने संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने में एक अहम कदम बताया है. उन्होंने कहा है कि यह कानून सभी के लिए होगा चाहे वो किसी भी धर्म के हों.
CM Dhami On Common Civil Code: उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने गुरुवार को कहा कि समान नागरिक संहिता (Common Civil Code) का उद्देश्य हर नागरिक के लिए समान कानून है और यह संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम होगा. इस मसले को अपनी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद पहली मंत्रिमंडल बैठक में इसके लिए न्यायविदों, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, समाज के प्रबुद्धजनों और अन्य हितधारकों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का निर्णय लिया.
हरिद्वार स्थित ऋषिकुल आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह समिति उत्तराखंड के लिए 'समान नागरिक संहिता' का मसौदा तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि इस समान नागरिक संहिता का दायरा सभी नागरिकों के लिये समान क़ानून होगा चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों . धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम होगा.
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सीएम ने कहा कि हमारी सरकार इस लक्ष्य पर कर रही काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना ही हमारा उद्देश्य है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विकास की दृष्टि से प्रदेश के आने वाले पांच सालों के 'स्वर्णिम वर्ष' होने का दावा करते हुए धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है और राज्य के रजत जयंती वर्ष में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिये उनकी सरकार प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार “विकल्प रहित संकल्प“ के ध्येय वाक्य पर काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि आज स्वस्थ जीवन पद्धति के क्षेत्र में कई शोध हो रहे हैं लेकिन ऋषि-मुनियों ने हजारों साल पहले ही स्वस्थ जीवन पद्धति के बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय संस्कारों की जीवन पद्धति में सभी का हल है और आज पूरी दुनिया आयुर्वेद की तरफ बढ़ रही है.
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