गुरुजनों की विदाई पर फूट-फूटकर रो पड़े शिष्य, शिक्षकों की आंखों में भी आए आंसू
Uttarakhand News: विदाई के दौरान शिक्षिका पूनम त्रिपाठी ने कहा कि हमने तो एक शिक्षक की तरह सिर्फ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया था. लेकिन हमें नहीं पता था कि हमारा काम इतना पसंद आएगा.
Champawat News: स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है और इस मंदिर में पढ़ने वाले शिक्षकों को भगवान माना जाता है. ये लाइन उत्तराखंड के चंपावत जनपद के विकासखंड बालाकोट के दूरस्थ विद्यालय राजकीय इंटर कॉलेज में पिछले 3 से 6 सालों से पढ़ा रहे चार शिक्षक शिक्षिकाओं पर बिल्कुल सटीक बैठती है. ऐसा हम इसलिए कह रहें हैं क्योंकि इन चारों शिक्षकों का बीतों दिनों स्थानांतरण होने के बाद विद्यालय में एक विदाई कार्यक्रम रखा गया था. इस कार्यक्रम में मौजूद बच्चे अपने शिक्षक एवं शिक्षिकाओं की विदाई से इतने दुखी थें कि खुद के आंसू भी नहीं रोक पाए और सभी रोने लगे. इस विदाई समारोह का ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है.
उत्तराखंड के चंपावत जिले के विकासखंड बालाकोट के दूरस्थ राजकीय इंटर कॉलेज में पिछले तीन से छ साल पढ़ा रहे शिक्षिका पूनम त्रिपाठी, मोमीन, शिक्षक सुभाष गिरी और नरेश चंद्र गहतोड़ का ट्रांसफर हो गया. इस अवसर पर विद्यालय में विदाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान कुछ छात्र छात्राओं फूट फूटकर रोता देखकर शिक्षक भी अपने आंसू नहीं रोक पाए और वो भी बच्चों के साथ रोने लगे. शिक्षकों के विदाई समारोह का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, ये वीडियो लोगों को खूब पसंद आ रहा है. लोग गुरु और शिष्यों के बीच स्नेह भरे इस रिश्ते की सराहना कर रहें हैं.
विदाई के दौरान शिक्षिका पूनम त्रिपाठी ने कहा कि हमने तो एक शिक्षक की तरह सिर्फ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया था. लेकिन हमें नहीं पता था कि हमारा काम इतना पसंद आएगा कि स्कूल से हमारी विदाई पर छात्र छात्राओं की आंखें नम हो जाएगी. उन्होंने कहा कि आज बच्चों के आंखों में आंसू देखकर हम खुद को भी रोने से नहीं रोक पाए. हम बच्चों के निस्वार्थ प्रेम के सदैव ऋणी रहेंगे.
(वेद प्रकाश यादव की रिपोर्ट)
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