Badri-Kedar Temple Corruption: प्रदेश में यूके ट्रिपल एससी (UKSSSC), सहकारिता और विधानसभा भर्ती घोटालों के बाद अब बद्री-केदार मंदिर समिति पर भी भ्रष्टाचार की उंगलियां उठने लगी. बद्री-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष पर अपने स्वयंसेवक भाई को प्रबंधक बनाने के आरोप के साथ ही समिति में नियम विरुद्ध पदोन्नतियां करने के आरोप लगने लगे. इसके खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया. जिला मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उत्तराखण्ड (Uttarakhand) कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंदिर समिति को भ्रष्टाचार का अखाड़ा बना दिया गया.
जहां पर जो कार्मिक योग्य ही नहीं हैं, उन्हें गैर कानूनी तरीके से प्रमोशन देकर उन पदों पर बिठाया जा रहा है, जिन पदों के लिए ये कर्मचारी अर्हताएं नहीं रखते. साथ ही समान कार्य समान वेतन का प्रस्ताव पारित कर अपने परिजनों को लाभ दिलाया जा रहा. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज ने कहा कि जहां एक ओर यूकेएसएसएससी, विधानसभा, सहकारिता और कई अन्य विभागों में मंत्रियों के भ्रष्टाचार उजागर हो रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने बद्री-केदार मंदिर समिति में हो रहे व्याप्त भ्रष्टाचार और भाई-भतिजावाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा राज्य के उन तमाम कर्मचारियों के साथ खड़े हैं, जिनके साथ बीजेपी के राज में अन्याय हो रहा है.
कांग्रेस ने लगाए ये आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी द्वारा अपने परिजनों को बंदर बांट की तरह रेवड़ियां बांटने का कांग्रेस पाटी सख्त विरोध करेगी. साथ ही कहा कि बीजेपी का चाल, चरित्र और चेहरा जनता के बीच बेनकाब हो रहा है. जिस प्रकार से मंदिर समिति में खुलेआम लूट मचाई जा रही है उससे आम जन मानस हैरत में है. ऐसे कारनामों को कांग्रेस पार्टी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी. आखिर राज्य की इतनी महत्वपूर्ण समिति में जो कि करोड़ों हिन्दुओं की धार्मिक आस्था का प्रतीक है. वहां पर हो रहे भ्रष्टाचार पर सरकार द्वारा दोहरा मापदंड अपनाने का भी कांग्रेस ने विरोध किया.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि एक ओर बीजेपी की सरकार में मंदिर समिति में सिर्फ 2012 से 2017 की जांच की बात की जा रही है. वहीं 2017 से वर्तमान तक हो रहे व्याप्त भ्रष्टाचार पर शासन और सरकार मौन साधे हुए हैं. उन्होंने कहा कि खुलेआम मंदिर समिति में कई वरिष्ठ कर्मचारियों को नजरअंदाज करते हुए जूनियर कर्मचारियों और कई पदों पर अयोग्य कर्मचारियों को पदोन्नति दी जा रही है. उस प्रोन्नति की उप समिति में वही कर्मचारी अपने प्रमोशन के लिए सदस्य के रूप में हस्ताक्षर कर स्वयं का प्रमोशन कर रहे हैं और शासन को मंदिर समिति में हो रहे ऐसे कारनामों की भनक तक नहीं है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इन मामलों को विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक सरकार की घेराबंदी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी.
नियम विरूद्ध प्रमोशन का आरोप लगाया
बद्री-केदार मंदिर समिति में बैकडोर से हो रहे नियम विरूद्ध प्रमोशन और वेतन वृद्धि के मामलों पर कांग्रेस प्रवक्ता सूरज नेगी ने कड़ी आपत्ति जाहिर की. साथ ही कहा कि मंदिर समिति में इस प्रकार से भ्रष्टाचार करना नियमों का खुलेआम उल्लंघन करना, आपराधिक मामला है. नेगी ने कहा कि समिति में अपने रिश्तेदारों को बीजेपी नेता मनमाना पद बांट रहे हैं और शासन और सरकार चैन की नींद सोई है.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के स्वायत्त संस्था हैं. जो दानी-दाताओं के पैसों पर चलती है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि सरकार के प्रतिनिधि उस पैंसे को ठिकाने लगाने के लिए लाभार्थी के रूप में अपने रिश्तेदारों का वेतन बढ़ाकर अपने पुरस्कृत कर रहे हैं. फिर चाहे वे उस पद के योग्य हों या ना हों, इस बात की उन्हें कोई फिक्र नहीं है. उन्होंने कहा कि बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष का भाई वर्ष 2011 में स्वयंसेवक के रूप में समिति में लगा था, जो कि 14,203 रूपए के वेतन पर 14 मई 2022 से पूर्व तैनात था. उनके भाई के अध्यक्ष बनने के बाद अचानक उनको स्वयं सेवक से लिपिक वर्ग में प्रमोशन कर वेतन 22,770 करने का अनुमोदन अध्यक्ष द्वारा किया गया. आखिर इसमें कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई.
बीजेपी ने किया पलटवार
वहीं बीजेपी जिला प्रभारी और पूर्व जिलाध्यक्ष विजय कप्रवाण का कहना है कि कांग्रेस का काम आरोप लगाने का है. जब कांग्रेस सरकार में मंदिर समिति का अध्यक्ष रहा, उस दौरान कोई भी कार्य नहीं हुए. आज मंदिर समिति में अच्छे कार्य हो रहे हैं. बोर्ड की ओर से उन कर्मचारियों की पदोन्नतियां की गई हैं, जो वर्षो से मंदिर समिति में सेवाएं देते आ रहे हैं. इन कर्मचारियों को पदोन्नति देकर मंदिर समिति ने उनकी वर्षों की सेवाओं का फल उन्हें दिया है.
प्रदेश में यूके ट्रिपल एससी, विधानसभा के साथ ही सहकारिता में भर्ती घोटालों को लेकर बेरोजगार नौजवान सड़कों पर हैं. सरकार में बैठे मंत्रियों ने गलत तरीके से अपने चहेतों को नौकरी देकर उन युवाओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है, जो लम्बे समय से इन नौकरियों की तैयारियां कर रहे थे. इन भर्ती घोटालों के बाद अब कांग्रेस ने बद्री-केदार मंदिर समिति में फर्जी तरीके से पदोन्नति करने का आरोप लगाया है, जिसमें परिवारवाद देखा जा रहा है. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि सीएम धामी इस मामले में कब तक एक्शन लेती है.
Ankita Murder Case: अंकिता हत्याकांड की जांच करेगी SIT, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिये ये निर्देश