Uttarakhand News: विधानसभा में भर्ती का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने भर्तियों की जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है लेकिन कांग्रेस अभी भी आग बबूला है. कांग्रेस (Congress) ने मांग की कि विधानसभा में नियम कायदों को ताक पर रखकर जो भर्तियां की गई हैं उनको निरस्त कर दिया जाए. पार्टी के एक नेता ने कहा कि सीएम धामी चिट्ठी लिखकर पल्ला नहीं झाड़ सकते. 


नेताओं के करीबियों को दी गई नौकरी - कांग्रेस


कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के गेट पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, बद्रीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल  समेत कई नेता मौजूद रहे. कांग्रेस ने मांग की कि विधानसभा में राज्य गठन से लेकर अब तक जितनी भी भर्तियां हुई है, उनकी जांच की जानी चाहिए ताकि पता लग सके कि विधानसभा में भर्तियां किस नियम के आधार पर की गई हैं. वहीं राजेंद्र भंडारी ने आरोप लगाया बीजेपी सरकार के दौरान बड़े नेताओं के करीबियों और अधिकारियों के भाई भतीजे को विधानसभा में नौकरी पर रखा गया है. उन सब की जांच होनी चाहिए. इतना नहीं भंडारी ने आरोप लगाया कि विधानसभा में भर्तियां किसी भी शासनकाल में हुई हो उन सब की जांच होनी चाहिए.


करन माहरा ने पीएम मोदी पर साधा निशाना


उधर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि उत्तराखंड में हुए भर्ती घोटाले को लेकर कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है. उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग का मामला हो या फिर उत्तराखंड की विधानसभा में बैकडोर से हुई भर्तियों का मामला हर मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया जा रहा है. करण मेहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से यह बात कहते हैं कि परिवारवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, उसी पार्टी के नेताओं ने विधानसभा में अपने परिवार के लोगों को भर दिया. करण माहरा ने साफ कहा कि विधानसभा में 2002 से अब तक हुई हर शासनकाल की भर्ती की जांच होनी चाहिए.


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अपने मंत्रियों का इस्तीफा ले सरकार - गणेश गोदियाल


वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने यहां तक कह दिया कि बीजेपी सरकार अपने उन सभी मंत्रियों से इस्तीफा ले जिनके विभागों में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. उन्होंने कहा कि सबसे पहले पूर्ववर्ती सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे और अब कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को इस्तीफा दे देना चाहिए. गोदियाल ने कहा, 'मुख्यमंत्री के पत्र लिख जाने से जांच पूरी नहीं हो जाती और मैं इसे पूर्ण नहीं मानता क्योंकि मुख्यमंत्री के पास तो खुद अधिकार हैं वे इस मुद्दे की जांच करा सकते हैं ना कि पत्र लिखकर इससे पल्ला झाड़े.'  गोदियाल ने यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस विषय की जांच कराते हैं तो वह पहले व्यक्ति होंगे जो उनको गुलदस्ता भेंट करेंगे. 


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