Uttarakhand Congress News: हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के संशोधित खनन नियम को रद्द कर दिया. इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा (Karan Mahra) ने कहा कि राज्य सरकार ने खनन नियमों में संशोधन करके आर्थिक और प्राकृतिक दोनो रूप से बड़ा नुकसान किया है.


दरअसल उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के उस खनन नियम को रद्द कर दिया है जिसके तहत बोली प्रक्रिया के बजाय निजी जमीन मालिकों को समतलीकरण करने के लिए खनन पट्टे आवंटित करने की अनुमति दी गई थी. कोर्ट ने इसे 2012 में 2जी स्पेक्ट्रम से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन भी बताया है.


कांग्रेस ने आरोप लगाया


कांग्रेस का आरोप है कि जिस तरह से संशोधित नियमों में मामूली रॉयल्टी का प्रावधान रखा गया उससे राज्य को बड़ा नुकसान हुआ है. राज्य सरकार ने संशोधित नियम के तहत अपनी संपत्ति पर खुदाई में निकली मिट्टी, रेत, बोल्डर और बजरी आदि के उपयोग की अनुमति दी थी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पहले 32 से 40 रुपये प्रति क्विंटल का रेट लिया जाता था.


ऑक्शन की प्रक्रिया के तहत खनन किया जाता था जिससे प्रदेश को लाभ मिलता था. अब निजी जमीन मालिकों को जमीन समतलीकरण के नाम पर खनन करने की परमिशन दी गई जिसके दाम सिर्फ 7 से 8 रुपये रखे गये. माहरा ने आरोप लगाया कि इससे कुछ लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है. करन माहरा ने कहा कि सरकार को इस पर सुप्रीम कोर्ट जाने की तत्परता दिखाने के बजाय तत्काल रोक लगानी चाहिए.


बीजेपी ने किया पलटवार


बीजेपी प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि कोर्ट के आदेश का सरकार पालन करेगी. हालांकि बीजेपी प्रवक्ता ने कांग्रेस द्वारा खनन पर दिये बयान पर कहा कि कांग्रेस अपने शासन काल में खुद खनन के दलदल में फंसी रही. उन्होंने कहा कि सरकार जनता के हित में जो भी सही होगा वो काम करेगी.


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