Uttarakhand Politics: सियासत में वैसे तो विरोधी दलों के नेताओं का एक दूसरे से मिलना जुलना चलता रहता है लेकिन कुछ मुलाकातों की टाइमिंग ऐसी होती है कि कई तरह से सवाल भी खड़े हो जाते हैं. ऐसी ही एक मुलाकात रविवार देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कांग्रेस के कद्दावर नेता और चकराता से विधायक प्रीतम सिंह के बीच हुई. ये मुलाकात ऐसे समय में हुई थी जब इससे ठीक पहले कांग्रेस आला कमान ने प्रदेश अध्यक्ष, नेता और उपनेता प्रतिपक्ष के नामों का एलान कर दिया था. 


सीएम धामी से मिले प्रीतम सिंह


सीएम धामी और प्रीतम सिंह की मुलाकात के कई मायने तलाशे जा रहे हैं. कांग्रेस आलाकमान एक महीने से फैसला लेने में टाल-मटोल कर रहा था और जब ये फैसला सामने आया तो वहीं बात सच भी साबित हुई. प्रीतम सिंह का खेमा, यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी, करण माहरा को तवज्जो देने से ही भड़क उठा. कई लोगों के इस्तीफों ने प्रीतम खेमे की नाराजगी पर मुहर भी लगा दी. 



इस मुलाकात की वजह क्या है?


इसके ठीक बाद अप्रत्याशित रूप से प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात कर कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया. हालांकि इस मुलाकात के बारे में प्रीतम और मुख्यमंत्री दोनों के करीबी लोगों का कहना है कि चर्चा राज्य के विकास और बेहतरी को लेकर हुई. लेकिन मुलाकात जिस हालात में हुई उसको लेकर सियासी पंडितों का मानना है कि पार्टी में अपनी रुसवाई से क्षुब्ध प्रीतम अपने और अपनों के लिए सियासी विकल्प तलाश रहे हैं. 


उत्तराखंड कांग्रेस में क्या चल रहा है?


प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने से उनके करीबी पार्टी नेता व समर्थक मायूस हुए हैं. पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव गिरीश पुनेड़ा ने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा की है. उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने बीते दिनों पार्टी में उनकी ओर से बनाए गए डिजिटल सदस्यों से माफी मांगी. पार्टी छोड़ने से पहले पुनेड़ा ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर भी निशाना साधा था. 


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