Uttarakhand News: उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा को प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने बड़ा झटका दिया है. बता दें प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा के द्वारा की गई तमाम नियुक्तियों को कुमारी शैलजा ने रद्द कर दिया है. इसका एक आदेश जारी करते हुए उन्होंने कहा है कि बिना एआईसीसी की अनुमति के की गई नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है.


उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा ने एआईसीसी की अनुमति के बिना की गई नियुक्तियों को रद्द कर दिया. इससे प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को झटका लगा है. इस कार्रवाई से सवाल उठ रहे हैं कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से कार्यकारिणी की जो सूची एआईसीसी को वर्ष 2022 को भेजी गई, उसे आज तक मंजूरी नहीं मिली प्रदेश कांग्रेस ने जिन्हें जिम्मेदारी सौंपी है, उन्हें पद से हटा दिया गया.  यह सब ऐसे समय में किया गया है कि जब कांग्रेस के सामने तीन बड़े चुनाव हैं.


 प्रदेश में कांग्रेस की गुटबाजी किसी से छुपी नहीं
प्रदेश में केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. वहीं प्रदेश में नगर निकाय और पंचायत चुनाव होने हैं. ऐसे में कार्यकर्ताओं का मनोबल कम होने की उम्मीद जताई जा रही है. प्रदेश में कांग्रेस की गुटबाजी किसी से छुपी नहीं है. इस प्रकार के फैसले के बाद कांग्रेस मजबूत होने की जगह, कमजोर होती हुई दिखाई देगी. बता दें कि विधायक प्रीतम सिंह 2017 से 2021 तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे. इसके बाद 2021 से 2022 तक गणेश गोदियाल के पास प्रदेश कांग्रेस की कमान रही. 


उत्तराखंड कांग्रेस में नाराजगी दिखाई दे रही
अप्रैल 2022 में करन माहरा के अध्यक्ष बनने के बाद नई कार्यकारिणी में सचिव, उपाध्यक्ष, संगठन सचिव, महामंत्री व कोषाध्यक्ष पद के लिए नाम एआईसीसी को भेजे गए. लेकिन आज तक इस एआईसीसी से कार्यकारिणी को हरी झंडी नहीं मिली है. जिससे संगठन में जिम्मेदारी न मिलने से कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हैं. संगठन की मजबूती के लिए प्रदेश अध्यक्ष माहरा ने कुछ जिलों में पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी. जिन्हें एआईसीसी की अनुमति न लेने का हवाला देते हुए प्रदेश प्रभारी ने नियुक्तियों को रद्द कर दिया है. प्रदेश अध्यक्ष के आदेश को निरस्त करने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में नाराजगी दिखाई दे रही है. 


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