Uttarakhand: इन्वेस्टर समिट पर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल, वेडिंग डेस्टिनेशन पर याद दिलाई गुप्ता परिवार की शादियां
Uttarakhand Politics: उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2023 पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने सवाल खड़े किए हैं. वहीं वेडिंग डेस्टिनेशन पर उन्होंने गुप्ता परिवार की शादियों की याद दिलाई है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार द्वारा कराई गई ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े करना शुरू कर दिए हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने भारतीय जनता पार्टी पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है. करण माहरा का कहना है इससे पहले भी उत्तराखंड सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट करा चुकी है, जिसके होने से उत्तराखंड को कोई फायदा नहीं हुआ.
करण माहरा का कहना है कि दूसरी इन्वेस्टर समिट कर राज्य सरकार केवल कोरी बकवास कर रही है. उनका मानना है कि इससे उत्तराखंड का कुछ फायदा नहीं होने वाला है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि 'इससे पहले हुई इन्वेस्टर समिट में जो निवेश हुए थे, उसका क्या हुआ. आज तक उसका कुछ पता नहीं चल पाया है.'
दावों पर खड़े किए सवाल
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करण माहरा ने उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा किए गए बड़े-बड़े दावों पर सवाल खड़े किए हैं. माहरा ने कहा की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दावा कर रहे हैं कि उत्तराखंड में 3 लाख, 50 हजार करोड़ का निवेश आएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाना चाहिए.
करण माहरा ने कहा कि बीजेपी नेताओं के बड़े-बड़े दावों से ऐसे में बहुत से नए प्रश्न और उठ खड़े होते हैं, जिनका जवाब धामी सरकार को जनता को देना होगा. उन्होंने बीजेपी सरकार से सवाल करते हुए कहा कि बताए कैसे निवेश कराएंगे उत्तराखंड में इनको लेकर हमारे कुछ सवाल हैं
1, उत्तराखंड में उद्योगों के लिए कितनी भूमि उपलब्ध है?
2, उत्तराखंड में कृषि के लिए केवल 13 प्रतिशत जमीन वर्गीकृत है, क्या किसानों, काश्तकारों से भूमि अधिग्रहण की जाएगी?
3, क्या क्या देश दुनिया को आक्सीजन देने वाले उत्तराखंड के जंगलों को काट कर किसी बड़ी आपदा या विनाश को आमंत्रित किया जाएगा?
4, पहाड़ों में वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए पूर्व की भांति विकास के नाम पर क्या फिर हरे भरे हजारों पेड़ों की बलि दी जाएगी?
5, एनजीटी के सख्त नियमों के कारण मसूरी, नैनीताल जैसे पर्यटन स्थलों में नए निर्माणों को लेकर रोक और आपत्तियां हैं, तो क्या अब पहाड़ों के अन्य नए वेडिंग डेस्टिनेशन बनाए जाने पर पहाड़ों के दोहन पर एनजीटी अपनी स्वीकृति देगा या प्रचंड बहुमत वाली डबल इंजन सरकार फिर कोई नया अध्यादेश लेकर आएगी?
6, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को याद दिलाना चाहूंगा कि उत्तराखंड के लोग भूले नहीं हैं कि 2019 साउथ अफ्रीका में बसे उद्योगपति गुप्ता बंधुओं ने डेस्टिनेशन वेडिंग के तहत औली में अपने 2 पुत्रों की शादी की थी. जिसके कारण वहां गंदगी और कूडे़ के अंबार लग गए थे और धौलीगंगा समेत कई जलस्रोत दूषित हो गए थे. पर्यावरण विद् और उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अदालत के समक्ष पेश अपनी रिपोर्ट में कहा गया कि गुप्ता परिवार की शादियों के बाद औली में 320 टन कूडे़ का निस्तारण करना पड़ा. चार दिन तक चले शादी समारोह के दौरान रिजार्ट में 200 मजदूर रहे और उनके लिए शौचालयों की सुविधा के अभाव के चलते उन्हें खुले में शौच करना पड़ा और बारिश के पानी के साथ बहकर मानव मल धौलीगंगा में चला गया.
7, ताकि सनद रहे मैं धामी सरकार को याद दिलाना चाहूंगा की 2018 में ऐसे ही इन्वेस्टर समिट के बाद भाजपा सरकार ने भू कानून (जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) को ही दांव पर लगा कर में बड़े बदलाव किए थे. क्या अब बाहर से आने वाले पूंजीपतियों और धन्ना सेठों को खुश करने के लिए धामी सरकार अब फिर भू कानून से खिलवाड़ करेगी.
इन सभी सवालों के जवाब कांग्रेस ने उत्तराखंड सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांगे हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का कहना है कि हम अपने सवालों के जवाब आने का इंतजार कर रहे हैं कि कैसे उत्तराखंड सरकार यहां पर निवेशकों को यह सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी. हम देख चुके हैं कि कैसे पिछली इन्वेस्टर समिट में लाखों करोड़ों रुपए के इन्वेस्ट की बात की गई थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ, क्या इस बार भी यह इन्वेस्टर समिट सिर्फ कोरी कल्पना है.
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