Uttarakhand News: उत्तराखंड में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) और प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कई नेताओं के तेवर बगावती नजर आ रहे हैं. एक तरफ पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह (Pritam Singh) भितरघात को लेकर इस्तीफे तक की बात कह रहे हैं तो वहीं कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत (Ranjit Rawat) ने प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की मांग उठाई है.
रंजीत रावत का क्या कहना है
रंजीत रावत का कहना है कि प्रीतम सिंह ने नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए संगठन को मजबूत करने का काम किया है इसलिए उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया जाना चाहिए था. हालांकि रंजीत रावत ने यह भी कहा कि केंद्रीय हाईकमान का निर्णय मान्य होगा. रंजीत रावत के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं जिससे कांग्रेस की गुटबाजी को और हवा मिलती दिख रही है.
रंजीत रावत ने आरोपों को नकारा
रंजीत रावत ने भितरघात को लेकर साफ कहा कि चुनावों के दौरान भितरघात को लेकर जांच की मांग करना हर कार्यकर्ता का अधिकार है लेकिन रंजीत रावत ने प्रीतम सिंह पर लगे भितरघात के आरोपों को सिरे से नकार दिया.
प्रीतम पर आरोप लगाना गलत-रंजीत
रंजीत रावत ने कहा कि, ''प्रीतम सिंह पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं और उनका स्वभाव ऐसा नहीं है कि वे पार्टी में भितरघात करें. उनपर भितरघात जैसे आरोप लगाना गलत है. रंजीत रावत ने कहा कि यदि प्रीतम सिंह भितरघात मामले पर पार्टी स्तर पर जांच की बात कह रहे हैं तो उस मामले की जांच होनी चाहिए.''
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