UKSSSC Paper Leak: भर्ती घोटाले में आरोपियों की जमानत से धामी सरकार की किरकिरी, कांग्रेस ने लगाया लचर पैरवी का आरोप
UKSSSC Paper Leak: भर्ती घोटाले में एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए 42 आरोपियों को गिरफ्तार किया था लेकिन गिरफ्तारी के महीने भर बाद ही आरोपियों के जमानत पर रिहा होने का सिलसिला शुरू हो गया.
UKSSSC Paper Leak Case: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पेपर लीक मामले में धामी सरकार (CM Pushkar Singh Dhami) ने बड़े स्तर पर कार्रवाई तो की और एसटीएफ (STF) ने इस मामले में करीब 42 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया. सीएम धामी ने इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित किया और कार्रवाई का ढोल पीटा कि सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले आरोपियों को किसी कीमत पर नहीं छोड़ेगी, लेकिन अब आरोपियों की एक के बाद एक जमानत हो रही है जिससे सरकार की मंशा पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
सरकार की मंशा पर उठे सवाल
उत्तराखंड में अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पेपर लीक मामला भर्ती का सबसे बड़ा घोटाला माना रहा है. जैसे ही यह मामला खुला एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए 42 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और कई संगीन धाराओं में जेल में भेज दिया. कई आरोपियों पर तो गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे हुए. उस वक्त धामी सरकार ने भी इस मामले में आरोपियों के गिरफ्तार होने पर खूब वाहवाही लूटी और और ढोल पीटकर युवाओं से वादा किया कि जिन लोगों ने उनके साथ विश्वासघात किया है, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा लेकिन गिरफ्तारी के महीने भर बाद ही आरोपियों के जमानत पर रिहा होने का सिलसिला शुरू हो गया. अब तक करीब 22 आरोपी ऐसे हैं जो जमानत पा चुके हैं. सरकार की लचर पैरवी के चलते अपराधी लगातार छूट रहे हैं.
विपक्ष ने लगाया लचर पैरवी का आरोप
गैंगस्टर एक्ट के बाद भी आरोपियों की धड़ल्ले से हो रही जमानत से साफ है कि ये एक्ट भी उतना कारगर साबित नहीं हो पा रहा है जितना कि इसके बारे में बातें की जा रही थीं. अब विपक्ष भी इस मामले को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाने लगा है. कांग्रेस नेता यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि सरकार की लचर पैरवी की वजह से आज तमाम नकल माफिया जमानत पर रिहा हो रहे हैं. वहीं सरकार इन आरोपों को नकार रही है, सत्ता पक्ष का कहना है कि इस मामले में सरकार सख्ती से काम कर रही है.
उत्तराखंड में जैसे ही भर्ती घोटाला सामने आया, धामी सरकार ने इस पर बड़े स्तर पर कार्रवाई की लेकिन अब लगातार हो रही जमानत से सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं. सरकार ने इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित किया था और युवाओं के साथ विश्वासघात करने वाले अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने का वादा भी किया था.
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