धामी सरकार के मंत्री के बेटे को मिला टेंडर, कांग्रेस के आरोपों पर अब पिता ने दी सफाई
Uttarakhand News: कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पुत्र ने टिहरी झील में क्रूज बोट और नौका चलाने के लिए आवेदन किया था. इस मामले में कांग्रेस ने कहा कि आवेदन को जिलाधिकारी ने सफल कैसे मान लिया.
Uttarakhand Minister Satpal Maharaj News: उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बेटे की तरफ से टिहरी झील मे क्रूज चलाने को लेकर डाल गया टेंडर लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. विपक्षी दल इसे भ्रष्टाचार से जुडा हुआ विषय बता रहे हैं. अल्मोड़ा से कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी का कहना है कि जब से बीजेपी की सरकार उत्तराखंड मे आई है तब से राज्य मे बस भ्रष्टाचार का ही बोल बाला है, जिसके चलते सत्ता में बैठे लोगों के ही परिवार के लोगों के सभी काम करवाये जा रहे हैं, जबकि जनता की मांगों को पूरी तरह से अनदेखा किया जा रहा है.
वहीं उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा है कि यदि नियमों के तहत यह टेंडर लिया गया है तो इसे स्वीकार किया जा सकता है. वहीं अगर केवल मंत्री के बेटे होने की वजह से नियमों की अवहेलना की गई है. तो शायद उत्तराखंड के लिए इस से दुर्भाग्यपूर्ण बात नहीं हो सकती. इस मामले को लेकर कांग्रेस ने भी सीएम धामी सरकार को घेरा है.
कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया परिवारवाद का आरोप
इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता सुजाता पॉल ने कहा की मंत्री सत्पाल महाराज के बेटे को क्रूज बोट संचालन के लिए आवेदन को जिलाधिकारी ने सफल कैसे मान लिया. क्या यह कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट नहीं है? यह कौन सा पैनल जिसने इसे स्वीकृत किया. आप तो परिवारवाद की बहुत बात करते हैं यह आपका परिवारवाद नहीं तो क्या है. प्रचंड बहुमत की धामी सरकार के मंत्री सतपाल महाराज इसका जवाब दें.
टिहरी झील टेंडर को लेकर कांग्रेस कमेटी का बीजेपी पर प्रहार
टिहरी झील में बोटों के टेंडर को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष कुलदीप पंवार ने आरोप लगाते हुए कहा है कि दो आवेदन पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बेटे और एक आवेदन टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवान के बेटे का है. इसमें जो जांच कमेटी है वो जिला पंचायत के अवर अधिशासी निदेशक और टिहरी जिलाधिकारी सहित ताडा के अधिकारी शामिल हैं, जो कि पूरी तरह से दबाव में है इसमें पर्यटन मंत्री और जिला पंचायत अध्यक्ष की मिली भगत है. जो सिर्फ अपनों को ही काम दिलाना चाहते हैं. जनता से उन्हें कोई लेना देना नहीं है. जनता भाड़ में जाए इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है. अगर इनका नाम नहीं हटाया गया तब तक हम इसका विरोध करते रहेंगे. उनका ये भी कहना है कि सब कुछ सद्यंत्र के तहत किया गया.
क्या बोले सत्पाल महाराज?
टिहरी झील में टेंडर के मामले में मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, ''उत्तराखंड में इंवेस्टर सबमिट आयोजित किया गया. उसी से प्रभावित हो कर मेरे छोटे बेटे ने विचार किया कि वो उत्तराखंड में पैसा इंवेस्ट करेंगे. उसी विचार के तहत उसनेपॉसिबिलिटी को एक्सप्लोर किया और उसने ताड़ा के अंदर जो टेंडर निकले थे, जिसमें 25 लोगों ने टेंडर लिए थे. बोट के टेंडर थे, क्रुज के टेंडर थे तो उसने क्रूज के टेंडर के लिए छोटी बोट के लिए एक टेंडर का आवेदन दिया. 25 में 6 काबिल पाए गए और अभी स्वीकृत हुए हैं. टेंडर पर विचार करने पर उनको आगे रखा गया है. आप जानते हैं कि हम लोग पीएम मोदी को अपना प्रतीक मानते हैं. उसने प्रेरणा लेते हैं और उन्होंने हमेशा अमन की पुष्प की प्रेरणा दी कि कमल की तरह स्वच्छ रहो. मैं अपने पुत्र से आग्रह करूंगा. सारे काम नियमित हुए हैं. सारी प्रक्रिया को सही से की गई है. किसी भी नियम का उल्लंघन किया गया है. फिर भी मैं छोटे बेटे से आग्रह करूंगा कि वह अपना आवेदन वापस ले लें.''
(उत्तराखंड से अतुल चौहान की रिपोर्ट)
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