Uttarakhand Tourist Zone News:  उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कालाढूंगी (छोटी हल्द्वानी) क्षेत्र से एक नए पर्यटक जोन 'कॉर्बेट हेरिटेज सफारी' का शुभारंभ किया गया. 17 दिसंबर को राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने इस सफारी जोन का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने जिप्सी सफारी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह पर्यटक जोन प्रसिद्ध शिकारी और संरक्षणवादी एडवर्ड जेम्स 'जिम कॉर्बेट' की विरासत से जुड़ा है और इसमें पर्यटक उनकी जीवनी, विरासत, और उनके जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण स्थानों के बारे में जान सकेंगे.


'कॉर्बेट हेरिटेज सफारी' में 45 किलोमीटर लंबा सफारी मार्ग है. इसमें पर्यटकों के लिए जिप्सी सफारी के साथ-साथ पैदल ट्रेक की सुविधा भी दी गई है. पर्यटक इस सफारी के दौरान कालाढूंगी के जंगलों, बोर नदी, मूसाबंगर और पवलगढ़ तक के घने जंगलों से होकर गुजरेंगे. इस सफारी में ग्रासलैंड, सादरी चौड़ और मिश्रित साल के जंगल शामिल हैं. पर्यटकों को इस दौरान बाघ, तेंदुआ, हाथी और अन्य वन्यजीवों के दीदार करने का अवसर मिलेगा. सफारी मार्ग में 'कॉर्बेट फॉल' भी शामिल है, जो सैलानियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है.


सफारी के लिए 36 गाइडों की तैनाती
पर्यटन विभाग ने इस जोन में भ्रमण के लिए 1400 रुपए का परमिट शुल्क निर्धारित किया है. सफारी के दौरान पर्यटकों को मार्गदर्शन देने के लिए 36 नेचर गाइडों की तैनाती की गई है. इस पहल से न केवल क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे. कॉर्बेट हेरिटेज सफारी' का सबसे खास आकर्षण जिम कॉर्बेट का घर और उनके जीवन की विरासत है. पर्यटक छोटी हल्द्वानी में स्थित जिम कॉर्बेट के घर को देख सकेंगे, जहां उन्होंने अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय बिताया था. इस सफारी के जरिए पर्यटकों को जिम कॉर्बेट की जीवनी, उनकी शिकारी यात्राओं, और पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके योगदान के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी.


कालाढूंगी के साथ ही अल्मोड़ा जिले के मोहन में एक अन्य पर्यटन जोन का भी उद्घाटन किया गया है. इस जोन की खासियत यह है कि यह उत्तराखंड का पहला जंगल कैंपिंग जोन है. पर्यटक यहां जंगल के बीच कैंपिंग का आनंद ले सकते हैं. यह नया कैंपिंग जोन उन लोगों के लिए विशेष आकर्षण होगा, जो प्रकृति के करीब रहकर अनोखा अनुभव करना चाहते हैं.


राज्य में इन दो पर्यटन जोन से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा
इन नए पर्यटन जोनों के उद्घाटन से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. उत्तराखंड सरकार ने इको टूरिज्म के जरिए राज्य में 2 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है. वन मंत्री सुबोध उनियाल ने आशा व्यक्त की है कि इन दो नए पर्यटन जोनों से लगभग 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार से जोड़ने और राज्य के अनछुए जंगलों को पर्यटकों के लिए सुलभ बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.


नए पर्यटन जोन से पर्यावरण को संरक्षण होगा
उत्तराखंड सरकार का उद्देश्य इको टूरिज्म को बढ़ावा देकर राज्य की प्राकृतिक संपदा और जैव विविधता को संरक्षित करना है. इन नए जोनों के जरिए पर्यटकों को राज्य के अनएक्सप्लोर्ड जंगलों और वाइल्डलाइफ से रूबरू कराया जाएगा. साथ ही, यह पहल स्थानीय लोगों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाने और इसमें उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.


पहले दिन सफारी पर गए पर्यटकों ने इस नई पहल को लेकर काफी उत्साह दिखाया. उनका कहना था कि यह सफारी उन्हें न केवल जंगल और वन्यजीवों के करीब लाती है, बल्कि जिम कॉर्बेट की विरासत को समझने का अवसर भी प्रदान करती है. वहीं, स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि इन नए जोनों के खुलने से उन्हें रोजगार मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.


उत्तराखंड पर्यटक स्थलों को अंतराष्ट्रीय पहचान मिले
वन मंत्री ने कहा कि राज्य में इको टूरिज्म के तहत और भी कई नई परियोजनाएं लाई जाएंगी. सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान दिलाई जाए. कालाढूंगी और मोहन में इन नए पर्यटन जोनों के खुलने से उत्तराखंड के पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है. यह पहल न केवल राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करेगी, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी सशक्त बनाएगी.


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