Uttarakhand Corbett National Park: कॉर्बेट नेशनल पार्क में चार महिलाओं को अपना निवाला बनाने वाला खतरनाक बाघ आखिरकार पकड़ा गया. इसके बाद कॉर्बेट पार्क प्रशासन और वन महकमे ने राहत की सांस ली है. पिछले 6 महीने सांवले, ढेला, करनपुर, गोजानी, जैसे 1 दर्जन गांव के लिए आतंक बना बाघ आखिरकार कॉर्बेट पार्क ने पकड़ ही लिया. ये बाघ अब तक 4 महिलाओं को मार चुका था. इसका आतंक इतना था कि बच्चे भी बंदूक के साय में स्कूल जाने को मजबूर थे. इसे पकड़ने के लिए दो ड्रोन और चार हाथी पिछले कई महीनों से लगाये गए थे. आखिरकार इस बाघ को पकड़ लिया गया है.
उत्तराखंड में कॉर्बेट नेशनल पार्क में इन दिनों एक दर्जन से ज्यादा गांव में टाइगर का आतंक बना हुआ था. इस टाइगर को पकड़ने के लिए कॉर्बेट पार्क प्रशासन पिछले 6 से 7 महीना से लगातार कोशिश कर रहा था. लेकिन यह बाघ कॉर्बेट पार्क प्रशासन के हाथ नहीं आ रहा था. कुछ दिन पहले ही इस भाग ने एक महिला की जान ली थी. इसके बाद पार्क प्रशासन के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश इतना बढ़ गया था कि कॉर्बेट पार्क की टीम को ग्रामीणों ने बंधक तक बना लिया था.
बाघ को पकड़ने के लिए लगाए गए थे ड्रोन
बाघ को पकड़ने के लिए कॉरपोरेट पार्क में दो वेटरनरी डॉक्टर के साथ 12 टीम में गठित की थी. जो लगातार जंगल में ग्रस्त कर रही थी. वही दो ड्रोन भी लगाए गए थे. जो लगातार जंगल पर निगरानी कर रहे थे तो वही कर हाथी लगातार इस जंगल में ग्रस्त कर रहे थे. लेकिन यह बाघ कॉर्बेट पार्क के हाथ नहीं लग रहा था. इस बाघ को तीन बार डॉट मारी गई जिनमें से एक बार इसको लगी भी थी, लेकिन यह कहां जाकर छुप गया किसी को मालूम नहीं हुआ. लेकिन इस बार कॉर्बेट पार्क प्रशासन के वेटरनरी डॉक्टर दुष्यंत शर्मा ने इस बाघ को बेहोश करने में कामयाबी हासिल की.
'बाघ को होगा डीएनए टेस्ट'
कॉर्बेट पार्क के डायरेक्टर धीरज पांडे ने बातचीत में बताया कि अब इस बाघ के पकड़ने के बाद इस का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि इसी बाघ के द्वारा ही महिलाओं को मारा गया है. इसकी पुष्टि होने के बाद उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी जाएगी. उनके आगे के दिशा निर्देश के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद ही यह तय किया जाएगा कि इस बाघ को जंगल में छोड़ना है या फिर यह बाकी की जिंदगी इसी रेस्क्यू सेंटर में रहेगा. इस बाघ के पकड़े जाने के बाद कॉर्बेट पार्क के अधिकारियों के साथ साथ ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली हैं.
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