Uttarakhand News: 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए IAS अधिकारी रामविलास यादव, भ्रष्टाचार मामले में हैं आरोपी
विजिलेंस दफ्तर में करीब 13 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद आईएएस रामविलास यादव को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
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IAS officer Ram Vilas Yadav Arrested: विजिलेंस दफ्तर में करीब 13 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद आईएएस रामविलास यादव को गिरफ्तार कर लिया गया. विजिलेंस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. यादव ने किसी भी सवाल का वाजिब जवाब नहीं दिया है. इसके लिए विजिलेंस उनकी पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) भी मांगेगी. इसके लिए कोर्ट में बाद में प्रार्थनापत्र दिया जाएगा.
आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में आरोपी आईएएस(निलंबित) रामविलास यादव बुधवार को ढाई साल के बाद विजिलेंस के सामने पेश हुए थे. इस मामले में डायरेक्टर विजिलेंस अमित सिन्हा ने बताया कि उन्होंने विजिलेंस अफसरों के किसी भी सवाल का वाजिब जवाब नहीं दिया. उनकी पत्नी को भी वहां पर बुलाया गया लेकिन उन्होंने भी आने से इनकार कर दिया. उनसे बुधवार देर रात करीब दो बजे तक पूछताछ की गई. इसके बाद 2.15 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
गुरुवार की शाम को कोर्ट में किया गया पेश
सभी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद यादव को गुरुवार शाम करीब साढ़े पांच बजे विजिलेंस कोर्ट में पेश किया गया. उनके वकीलों ने ज्यूडिशियल कस्टडी रिमांड (न्यायिक अभिरक्षा) का विरोध किया. लेकिन, विजिलेंस की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट ने यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. कोर्ट परिसर से हिरासत में लेकर उन्हें सुद्धोवाला जेल ले जाया गया. शाम करीब साढ़े सात बजे उन्हें जेल में दाखिल किया गया.
रामविलास यादव यूपी के जमाने से ही राजनीतिक लोगों में खासी पैठ रखते थे. इसी बात का गुमान था कि वह अक्सर कहते थे कि उन पर कोई हाथ नहीं डाल सकता. लेकिन, 2017 में उत्तराखंड आते ही यूपी सरकार ने उनके खिलाफ जांच कराने की संस्तुति कर दी थी. ढाई साल बाद विजिलेंस के सामने पेश हुए. उन्हें जवाब नहीं दिया. गुरुवार को जब उन्हें कोर्ट लाया गया तब भी उनके चेहरे पर सिकन तक नहीं थी. उनसे जब बात करने की कोशिश की तो उन्होंने अकड़ में बोला कि हम कुछ नहीं बोलेंगे.
पहली बार आईएएस अधिकारी को जानी पड़ी जेल
उत्तराखंड के 22 वर्षों के इतिहास में तमाम आईएएस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. उनकी विभिन्न एजेंसियों ने जांच भी की है. लेकिन, यह पहला मौका है जब कोई आईएएस गिरफ्तार हुआ और फिर उसे जेल भेजा गया. इससे पहले एक पूर्व आईएएस भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त जरूर किए जा चुके हैं.
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