Uttarakhand: विधायक निधि खर्च करने में फिसड्डी साबित हुए हैं मौजूदा विधायक, जानें- अपने इलाके के MLA का हाल
कई विधायक ऐसे हैं जो पांच सालों में 60 फीसदी निधि भी नहीं खर्च पाए. 12 विधायकों की 70 प्रतिशत से कम विधायक निधि खर्च हुई है. सबसे ज्यादा 90 प्रतिशत निधि खर्च वाले नैनीताल विधायक संजीव आर्य हैं.
Dehradun News: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Elections) बेहद करीब है लेकिन राज्य के मौजूदा विधायक अपनी विधायक निधि खर्च करने में फिसड्डी साबित हुए हैं. कई विधायक ऐसे हैं जो पांच सालों में 60 फीसदी निधि भी नहीं खर्च पाए. अभी भी 293 करोड़ निधि ख़र्च होना बाकी है. विधायकों को अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए हर साल 3.75 करोड़ रुपए मिलते हैं. कोविड के कारण इसमें एक करोड़ की कटौती की गई है.
उत्तराखंड के वर्तमान विधायकों को 2017 से सितम्बर 2021 तक कुल 1256.50 करोड़ रूपये की विधायक निधि जारी हुई, जबकि सितम्बर 2021 तक केवल 77 फीसदी 963.40 करोड़ की विधायक निधि ही खर्च हो सकी. 23 प्रतिशत यानि 293.10 करोड़ की विधायक निधि अभी भी खर्च होना बाकी है. उत्तराखंड के 71 विधायक (70 विधायक, एक एंग्लो इंडियन सदस्य) को 17.75 करोड़ रूपये प्रति विधायक की दर से 1256.50 करोड़ रूपये की विधायक निधि सितम्बर 2021 तक उपलब्ध करायी गयी.
उत्तराखंड के 71 विधायकों में से 12 विधायकों की 70 प्रतिशत से कम विधायक निधि खर्च हुई है. सबसे कम विधायक निधि 50 प्रतिशत खर्च वालों में कांग्रेस के केदारनाथ विधायक मनोज रावत हैं. जबकि सबसे ज्यादा 90 प्रतिशत निधि खर्च वाले नैनीताल विधायक रहे संजीव आर्य हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का मानना है कि धरातल पर 90 प्रतिशत तक काम हो चुके हैं. भुगतान के आकड़ों और धरातल के काम पर अन्तर होता है. हालांकि ये बात कितनी सही है ये मंत्री और विधायक ही जानें.
सबसे कम खर्च करने वाले विधायक-
- सबसे कम विधायक निधि 50 प्रतिशत खर्च वालों में कांग्रेस के केदारनाथ विधायक मनोज रावत हैं.
- 60 प्रतिशत विधायक निधि खर्च वाले विधायक धन सिंह हैं.
- 61 से 65 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में महेश नेगी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, सहदेव पुंडीर शामिल हैं.
- 66 से 70 प्रतिशत वालों में प्रीतम सिंह, मगन लाल शाह, मदन सिंह कौशिक, मुन्ना सिंह चैहान, करन मेहरा, पुष्कर सिंह धामी, विनोद चमोली, महेन्द्र भट्ट शामिल हैं.
- 71 से 75 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में प्रेम चन्द्र, यशपाल आर्य, सुरेन्द्र सिंह जीना, राजकुमार ठुकराल, केदार सिंह रावत, खजान दास, हरवंश कपूर, गोविन्द सिंह कुंजवाल, त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सतपाल महाराज, राजकुमार, विजय सिंह पंवार, सुबोध उनियाल शामिल हैं.
- 76 से 80 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में राजेश शुक्ला, हरीश सिंह धामी, हरभजन सिंह चीमा, हरक सिंह, उमेश शर्मा, दीवान सिंह बिष्ट, पूरन सिंह फत्र्याल, भारत सिंह चौधरी, इन्द्रा ह्रदयेश, अरविन्द पाण्डे, आदेश सिंह चौहान (जसपुर), रेखा आर्य, देशराज कर्णवाल, बलवन्त सिंह, रितु खण्डूरी, सुरेश राठौर, चन्द्र पंत, ममता राकेश, शक्तिलाल शाह, रघुराम चौहान, कैलाश गहतोड़ी, चन्दन राम दास शामिल हैं.
- 81 से 85 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में दिलीप सिंह रावत, गणेश जोशी, यतीश्वरानंद, बिशन सिंह चुफाल, प्रेम सिंह राणा, मुकेश कोली, जीआईजी मैनन, मीना गंगोला, काजी निजामुद्दीन, प्रीतम सिंह पंवार, संजय गुप्ता, विनोद कण्डारी , सौरभ बहुगुणा, प्रदीप बत्रा शामिल हैं.
सबसे ज्यादा खर्च करने वाले विधायक
86 से 90 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, राम सिंह केड़ा, फुरकान अहमद, आदेश चौहान (रानीपुर), बंशीधर भगत, धन सिंह नेगी, नवीन चन्द्र दुम्का, गोपाल सिंह रावत, और संजीव आर्य शाामिल हैं.
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