Dehradun News:उत्तराखंड में फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ चल रहे धर-पकड़ अभियान में लगातार सफलता मिल रही है. इस कड़ी में बुधवार को दो और फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, दोनों कहीं डॉक्टरी की प्रैक्टिस नहीं कर रहे थे. वे फर्जी डिग्री के आधार पर जॉब पाने की फिराक में थे. 


इंटरमीडिएट का सर्टिफिकेट भी है फर्जी
पुलिस के अनुसार दोनों ने आयुर्वेद चिकित्सक की फर्जी डिग्री ले रखी थी. दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार दोनों डाक्टरों अशफाक और ज्योती ने भी मुख्य आरोपी इम्लाख खान से ही फर्जी डि​ग्रियां तैयार करायीं थीं. पुलिस द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपियों ने इंटरमीडिएट के सर्टिफिकेट भी इम्लाख से फर्जी ही तैयार करवाये थे. बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी कहीं प्रैक्टिस नहीं करते थे. लेकिन, इन डिग्रियों के सहारे सरकारी जॉब प्राप्त करने की तैयारी कर रहे थे.


बोले एसएसपी, अब तक 14 गिरफ्तार
मामले में एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि दो फर्जी डॉक्टर्स गिरफ्तार किये गये हैं. इनमें से एक ज्योति हरिद्वार के भगवानपुर की रहने वाली है. उसने इम्लाख बायलॉजी के साथ 12वीं का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया. इसी के आधार पर बीएमएस की डिग्री भी इम्लाख से ही बनवायी. दूसरा आरोपी अशफाक है, जो सहारनपुर का रहने वाला है. इसको भी इम्लाख के माध्यम से ही बीएमएस की डिग्री मिली है. उन्होंने बताया कि अभियान के तहत अब तक प्रदेश में कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 


एसटीएफ ने किया था खुलासा
जानकारी हो कि उत्तराखंड एसटीएफ ने पिछले 10 जनवरी को प्रदेश में चल रहे फर्जी डॉक्टरों के रैकेट का खुलासा किया था. उस समय दो फर्जी डॉक्टर और फर्जी डिग्री के मास्टरमाइंड इम्लाख के भाई को गिरफ्तार किया गया था. शुरुआती जांच में पाया गया था कि इम्लाख ने अपने भाई के साथ मिलकर प्रदेश के कुल 36 लोगों को आठ से 10 लाख रुपये में कर्नाटक के एक विश्वविद्यालय की डिग्रियां बेची हैं. इसके बाद से प्रदेश में फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है.


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