Uttarakhand Cyber Thug Arrest: उत्तराखंड पुलिस के हत्थे एक ऐसा साइबर ठग लगा है, जिसपर दस राज्यों में 37 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. हैरानी की बात है कि आरोपी ने साइबर ठगी के जरिए इतने लोगों को शिकार बनाया कि महज छह महीने के अंदर 21 करोड़ रुपये कमा लिए. फरीदाबाद में फल और सब्जी की दुकान लगाने वाले आरोपी ऋषभ शर्मा ने लॉकडाउन में काम बंद होने के बाद लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाना शुरू कर दिया. 


खबर के मुताबिक आरोपी साइबर ठग ऋषभ शर्मा फरीदाबाद में सब्जी और फल बेचने का काम करता था, लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद उसका काम बंद हो गया और फिर वो अपने दोस्त के संपर्क में आया जो साइबर ठगी के जरिए पैसा कमाता था. ऋषभ ने भी उससे साइबर ठगी के गुर सीखे और अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. 


ऐसे बनाता था लोगों को शिकार
आरोपी ऋषभ शर्मा बॉनवॉय इंटरनेशनल होटल का प्रतिनिधि बनकर लोगों को फोन किया करता था और लोगों को पार्ट टाइम जॉब का ऑफर देकर लालच देता. इसके साथ ही वो एक इंटरनेशनल होटल के लिए पेड रिव्यू लिखने के लिए कहता था. इसके एवज में पैसे भी देता था. लोगों को उस पर भरोसा हो जाता तो वो उन्हें होटल में निवेश करके पैसा डबल करने का लालच देता और जैसे ही वो पैसा निवेश करते वो गायब हो जाता था. 


आरोपी ने इसी तरह देहरादून के एक कारोबारी को भी फंसाया था, जिसके बाद कारोबारी ने पुलिस में शिकायत की और उसके सभी खातों की जानकारी दी. कारोबारी ने बताया कि होटल में पैसा निवेश करने के लिए उसने होटल में एक लड़की से भी मिलवाया था, जहां उन्हें एक फर्जी वेबसाइट भी दिखाई गई. इसके बाद उन्होंने बीस लाख रुपये निवेश कर दिए. कारोबारी ने जब दोबारा उससे संपर्क करने की कोशिश की तो आरोपी ने फोन ही उठाना बंद कर दिया. 


पुलिस जांच में हैरान करने वाला खुलासा
पुलिस ने इस मामले में चार अक्टूबर को शिकायत दर्ज की. जब इस मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि ये खाते गुरुग्राम में हैं. जिसके बाद 28 अक्टूबर को पुलिस ने आरोपी ऋषभ शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक, साजिश और आईटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया है. आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसके खिलाफ 10 राज्यों में 37 केस दर्ज हैं. इसके अलावा 855 केस में वो सह अभियुक्त है और 892 मामलों की जांच चल रही है. 


आरोपी ऋषभ शर्मा ने पूछताछ में और भी कई हैरान करने वाले खुलासे किए हैं कि किस तरह कई इंटरनेशनल रैकेट काम कर रहे हैं, ये चीन से लेकर सिंगापुर, हांगकांग जैसे देशों में स्थित हैं. इन रैकेट का सरगना भारत में अपने एजेंट रखते हैं उनके जरिए साइबर ठगी कराते हैं. इसके बदले उनको मोटा कमीशन दिया जता है. ऋषभ भी इसी तरह के रैकेट का हिस्सा था. 


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