Ramnagar News Today: उत्तराखंड के रामनगर में पूचड़ी गांव के 151 परिवारों को वन विभाग ने बेदखली का नोटिस दिया है. जिससे गांव में रहने वाले लोग असमंजस में है और वन विभाग के इस फैसले से काफी नाराज है. ग्रामीणों का कहना है कि वे कई सालों से इस गांव में रह रहे हैं और उन्हें सरकार के जरिये बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी दी गई हैं. ऐसे में अचानक बेदखली के नोटिस ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं.


ग्रामीणों के मुताबिक, वह लंबे समय से इस जमीन पर बसे हुए हैं और उनके पास इस भूमि के अधिकार के सबूत हैं, लेकिन अब वन विभाग कहा रहा है कि यह भूमि उनकी है और इसे खाली करना होगा. वन विभाग का कहना है कि यह जमीन वन क्षेत्र के तहत आती है और यहां रहने वाले लोगों को कई बार पहले भी नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन वह इसे खाली करने को तैयार नहीं हुए,


सफाई में विभाग ने क्या कहा?
वन विभाग से सूचना मुताबिक, इन परिवारों के खिलाफ पहले से ही कानूनी प्रक्रिया चल रही थी और मामले की सुनवाई डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) कोर्ट में हुई थी. सुनवाई के दौरान ग्रामीणों से उनके दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया था, लेकिन वह अपनी जमीन से संबंधित वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सके.


वन विभाग ने बताया कि इसी वजह से उन्हें बेदखली का नोटिस जारी किया गया है. वन विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत की जा रही है और इस भूमि को वन क्षेत्र में शामिल किया जाना आवश्यक है.


ग्रामीणों सता रहा ये डर
दूसरी तरफ ग्रामीण इस फैसले से असहमत हैं. उन्होंने सरकार से अपील की है कि उनकी स्थिति को देखते हुए उनके अधिकारों की रक्षा की जाए. ग्रामीणों का कहना है कि अगर उन्हें जबरन हटाया गया तो उनके सामने रहने और आजीविका का गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा, इसलिए चाहते हैं कि सरकार इस मामले का मानवीय दृष्टिकोण से समाधान करे.


यह मामला अब धीरे-धीरे तूल पकड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर उन्हें बेदखल किया गया तो वे इसका विरोध करेंगे. दूसरी तरफ वन विभाग का कह रहा है कि वह सिर्फ कानून का पालन कर रहे हैं और इस जमीन को वन क्षेत्र के बाहर नहीं रखा जा सकता है. विभाग के इस रवैये से पूचड़ी गांव के 151 परिवारों के सामने भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. 


2 महीने तक आंदोलन पर रोक
प्रशासन ने इस इलाके में धारा 163 लागू कर दिया है, अब अगले 2 महीने तक इस इलाके में किसी को भी धरना प्रदर्शन करने या एक जगह पर पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है. यह अपने आप में एक हैरान करने वाला फैसला है.


इस फैसले के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. सामाजिक कार्यकर्ता मनीष अग्रवाल ने बताया कि आजाद भारत में अंग्रेज सरकार जैसे फैसले अधिकारियों के जरिये दिए जा रहे हैं, ऐसे फैसलों से अभी भी गुलामी की बू आती है. क्या अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन करना आज के वक्त में जुर्म हो गया है. 


घरों पर चल सकता है बुलडोजर
पूचड़ी गांव के 151 परिवारों को बेदखली का नोटिस मिला है. अब इन लोगों के घरों पर सरकारी बुलडोजर चलाया जा सकता है, जिसको लेकर ग्रामीण आंदोलन कर रहे थे. अब इस इलाके में आंदोलन पर रोक लग दी गई है. 


रामनगर के उप जिलाधिकारी राहुल शाह के जरिये यह आदेश जारी किया गया है. इस आदेश के सामने आने के बाद प्रशासन की काफी आलोचना हो रही है.


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