Kedarnath Yatra: इंसान ही नहीं देवता भी दिखाते हैं बाबा केदार के प्रति आस्था, पहुंची मां भद्रकाली की डोली
Uttarakhand News: उत्तरकाशी के बड़कोट क्षेत्र से मां भद्रकाली की डोली केदारनाथ पहुंची. यह डोली गंगोत्री धाम दर्शन कर चुकी है और अब केदारनाथ दर्शन के बाद बद्रीनाथ के दर्शन करेगी.
Kedarnath Yatra 2022: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) एक ऐसा धाम हैं जहां प्रत्येक वर्ष लाखों यात्री तो बाबा केदार के दर्शनों के लिये पहुंचते ही हैं साथ ही उत्तराखंड (Uttarakhand) के अनेक हिस्सों से देवी-देवताओं की डोली भी केदारनाथ पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन करती हैं. इससे यही प्रतीत होता है कि इंसानों के साथ ही देवताओं की भी बाबा केदार के प्रति गहरी आस्था है. उत्तराखण्ड के चारों धामों में सबसे कठिन यात्रा केदारनाथ धाम की है. बरसात में बाबा केदार की यात्रा और भी कठिन हो जाती है. बरसात के समय केदारनाथ पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों को बारिश, भूस्खलन सहित उफान पर आने वाले नदी-नालों को पार करके केदारनाथ पहुंचना होता है.
मां भद्रकाली की डोली केदारनाथ पहुंची
प्रत्येक वर्ष बाबा केदार के कपाट मात्र छः माह के लिये ही भक्तों के दर्शनों के लिये खुलते हैं, लेकिन इन छह महीनों में ही लाखों तीर्थ यात्री देश के कोने-कोने से बाबा केदार के दर्शनों के लिये पहुंचते हैं. यात्रियों के साथ ही उत्तराखण्ड के अनेक हिस्सों से देव डोलियां भी बाबा केदार के प्रति आस्था जताती हैं. यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष उत्तराखण्ड के अनेक हिस्सों से देवी और देवताओं की डोली भी केदारनाथ के दर्शनों के लिये पहुंचती हैं. उत्तरकाशी जिले के बड़कोट क्षेत्र से मां भद्रकाली की डोली केदारनाथ पहुंची है. यह डोली सबसे पहले गंगोत्री धाम के दर्शन कर चुकी है और अब डोली केदारनाथ दर्शन के बाद बद्रीनाथ के दर्शन करेगी.
डोली के साथ सौ लोग पहुंचे केदारनाथ
डोली के साथ लगभग सौ लोग भी केदारनाथ पहुंचे हैं और ये सभी लोग नंगे पैर ही पैदल यात्रा करके केदारनाथ पहुंचे हैं. देव डोली स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ केदारनाथ मंदिर परिसर में पहुंची. मंदिर परिसर में पहुंचते ही देव डोली के साथ चल रहे भक्तों पर देवता अवतरित होकर मंदिर में नृत्य करने लगे. देव डोली के साथ चल रहे भक्त ने बताया कि वह गंगोत्री दर्शन के बाद केदारनाथ आये हैं और केदारनाथ दर्शन के बाद बद्रीनाथ धाम के दर्शनों को जाएंगे. डोली यात्रा में सौ लोग साथ चल रहे हैं और सभी लोग नंगे पैर हैं. वे कठिन रास्तों को पार करके केदारनाथ पहुंचे हैं.