Uttarakhand News: उत्तराखंड में लक्सर विकास विभाग कर्मचारियों का बड़ा अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है, जहां एक जिंदा शख्स को मृत घोषित कर दिया गया. पीड़ित का नाम शोभाराम हैं. वो पिछले दो महीने से खुद को जिंदा साबित करते हुए दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर थे, जिसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे से गुहार लगाई और तब कहीं जाकर पूरे मामले को ठीक किया गया.
जानिए क्या है पूरा मामला?
शोभाराम हरिद्वार के हुसैनपुर इलाके के रहने वाले हैं. इस पूरे मामला का खुलासा उस वक्त हुआ जब उनकी पेंशन आना बंद हो गई, इसके बाद उन्होंने विकास खंड कार्यालय में जाकर पता करने की कोशिश की तो उनके पैरों के नीचे से जमीन चली गई. दफ्तर में जानकारी दी गई कि उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है जिसकी वजह से उनकी पेंशन रोक दी गई है. जिसके बाद उन्होंने तमाम तथ्यों को सही कराने की काफी कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो थक हार कर उन्होंने मंगलवार को जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे के सामने फरियाद लगाई. शोभाराम की आपबीती सुनकर जिलाधिकारी ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाई, जिसके बाद इस गलती को सुधारा गया.
शोभाराम ने बताई पूरी कहानी
शोभाराम ने अपनी परेशान बताते हुए कहा कि "कोरोना काल के चलते मेरी वृद्धावस्था पेंशन कई महीनों से नहीं आ रही थी जब मैंने मामले की जानकारी विकास खंड कार्यालय में पहुंचकर की तो उन्होंने मुझे मृतक बताया और कहा कि मृतक की पेंशन नहीं आती है मैंने अधिकारियों से गुहार लगाई कि मैं आपके सामने जीवित खड़ा हूं लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी हार कर मुझे तहसील दिवस में जिलाधिकारी महोदय से गुहार लगानी पड़ी जिलाधिकारी ने मेरे मामले को दुरुस्त करने के आदेश दे दिए हैं"
वहीं हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे का कहना है कि ये मामला बहुत पेचीदा नहीं है. आवेदक की ओर से कहीं कोई कमी रह गई होगी जिसकी वजह से ऐसा हो गया.