Uttarakhand News: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड कैबिनेट में यूसीसी ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई है. अब धामी सरकार 6 फरवरी को UCC को विधेयक के रूप में विधानसभा में पेश करेगी. अगर यूसीसी उत्तराखंड में लागू होगा तो उत्तराखंड पहला राज्य बनेगा जहां समान नागरिक कानून (UCC) लागू होगा. हाल ही में शुक्रवार (2 फरवरी) को  उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित समिति ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा था.


यूसीसी समिति की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने सीएम धामी को यूसीसी ड्राफ्ट से संबंधित 740 पन्ने के दस्तावेज सौंपे थे. उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी पर विधेयक पारित करने के लिए चार-दिवसीय विशेष सत्र पहले ही 5-8 फरवरी के लिए बुलाया जा चुका है. यूसीसी ड्राफ्ट को आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन इसे लेकर कई जानकारी भी सामने आई हैं. अगर यूसीसी उत्तराखंड में लागू होगा तो इसके बाद राज्य में कई नियम बदलेंगे. उत्तराखंड यूसीसी ड्राफ्ट के अनुसार लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन जरूरी होगा और इसके अलावा प्रदेश में हलाला और इद्दत पर रोक होगी.


गोवा में पुर्तगाली शासन के समय से ही लागू है यूसीसी


उत्तराखंड यूसीसी ड्राफ्ट के अनुसार पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी और उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिलेगा. उत्तराखंड आजादी के बाद इसे अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा, वहीं गोवा में पुर्तगाली शासन के समय से ही यूसीसी लागू है. यूसीसी ड्राफ्ट की रिपोर्ट मिलने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि "लंबे समय से हमें इस ड्राफ्ट का इंतजार था, आज हमें ड्राफ्ट मिल गया है. हमने उत्तराखंड की जनता से वादा किया था कि नई सरकार के गठन के बाद हम समान नागरिक संहिता के लिए कानून बनाएंगे."


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