Uttarakhand Encroachment News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा कि 'भूमि जिहाद' के नाम पर अवैध कब्जा करके राज्य के माहौल को नहीं बिगाड़ने दिया जायेगा. यहां विश्व हिंदु परिषद (विहिप) के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन के समापन सत्र में हिस्सा लेते हुए धामी ने कहा, ‘‘उत्तराखंड की सीमाएं दो देशों (चीन और नेपाल) से लगती हैं. एक समुदाय विशेष द्वारा राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध कब्जे करके ढ़ांचे बनाए गए थे जिन्हें एक अभियान चलाकर हटाया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अतिक्रमणकारियों से अपनी संरचनाएं स्वयं हटा लेने की अपील की है, अन्यथा उन्हें प्रशासन द्वारा ध्वस्त कर दिया जाएगा.


मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रदेश के अंदर एक भी अवैध धार्मिक ढांचे को रहने नहीं दिया जाएगा. सभी अवैध संरचनाओं को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने धर्मांतरण के खिलाफ एक कड़ा कानून बनाया है. धामी ने कहा कि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा. उन्होंने कहा, ‘‘समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने वाली समिति ने अपना 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है और वह राज्य सरकार को तीस जून तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी.’’ धामी ने कहा कि रिपोर्ट का परीक्षण करने के बाद प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह कानून सभी धर्म-समुदाय के नागरिकों पर समान रूप से लागू होगा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता पूरे देश के लिए अनुकरणीय होगी.


इससे पहले, धामी ने वहां मौजूद साधु-संतों का आशीर्वाद लिया और कहा कि वह उनके आशीर्वाद से ही राज्य की जनता की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने संतों को भरोसा दिलाया कि उनकी अपेक्षाओं को वह पूरा करेंगे. बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रवीन्द्र पुरी ने राज्य में ‘भूमि जिहाद’ के विरूद्ध सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई का स्वागत करते हुए इसके लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा की. हांलांकि, उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि 50 वर्ष से अधिक पुराने तथा पौराणिक महत्व के मंदिरों पर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए और ऐसे स्थान सरकार को पट्टे पर दे देने चाहिए. इस संबंध में, हरिद्वार कुंभ क्षेत्र स्थित बैरागी कैंप में आए दिन संतों के स्थानों के साथ अतिक्रमण के नाम पर होने वाली छेड़छाड़ का जिक्र करते हुए श्रीमहंत ने कहा कि बैरागी संतों के लिए आरक्षित स्थान को सरकार द्वारा बैरागी अखाड़ों को पट्टे पर दे दिया जाना चाहिए. जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि ने पिछले दिनों हरिद्वार में एक मुसलमान युवक द्वारा हिंदु पहचान बनाकर तीर्थस्थान पर कारोबार करने पर चिंता जाहिर की और कहा कि ऐसे लोगों के​ खिलाफ सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.



UP Politics: 'मैनपुरी से मेरे परिवार का गहरा नाता', पिता को याद करते हुए भावुक हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया