Uttarakhand Budget News: उत्तराखंड सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 89,230 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया था. इसमें से 15,854 करोड़ रुपये पूंजीगत विकास यानी कैपिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटित किए गए थे. लेकिन अब तक सिर्फ 6,217 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो कुल बजट का केवल 41.85 प्रतिशत है. वित्त विभाग ने बजट खर्च की समीक्षा शुरू कर दी है और उन विभागों पर नजर टेढ़ी की जा रही है, जो अपने आवंटित बजट को खर्च करने में फिसड्डी साबित हुए हैं.
राज्य के 52 विभागों में से कई विभाग अपने बजट का पर्याप्त उपयोग नहीं कर सके. वित्त विभाग का कहना है कि जो विभाग अपने आवंटित बजट को समय पर खर्च नहीं कर रहे हैं, उनके आगामी बजट में कटौती की जा सकती है. वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि कैपिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बजट का सही उपयोग राज्य के विकास के लिए आवश्यक है.
टॉप 5 परफॉर्मर विभाग
1. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग: इस विभाग ने 613 करोड़ के प्रस्तावित बजट का 98.51% खर्च कर लिया है, जो सबसे अच्छा प्रदर्शन है.
2. खेल विभाग: 100 करोड़ के बजट में से 92.40% खर्च किया गया है.
3. शहरी विकास विभाग: 774 करोड़ के बजट में से 64.48% खर्च किया गया.
4. कृषि विभाग: 68 करोड़ के बजट में से 64.12% खर्च किया गया.
5. लोक निर्माण विभाग (PWD): 1,440 करोड़ के बजट में से 62.84% खर्च किया गया.
इन विभागों ने कम खर्च किया बजट
1. आपदा प्रबंधन विभाग: 596 करोड़ के बजट में से केवल 29% खर्च किया.
2. पर्यटन विभाग: 259 करोड़ के बजट में से केवल 30% खर्च हुआ.
3. वन विभाग: 129 करोड़ के बजट में से 30% ही खर्च किया गया.
4. ऊर्जा निगम: 1,281 करोड़ के बजट में से सिर्फ 40% खर्च हुआ.
5. समाज कल्याण विभाग: 158 करोड़ के बजट में से केवल 8.26% ही खर्च हुआ.
ये आंकड़े विभागों की कार्यक्षमता और विकास कार्यों में रुचि की कमी को उजागर करते हैं.
ग्रामीण विकास विभाग से बजट का बड़ा हिस्सा नहीं हो पाया खर्च
उत्तराखंड सरकार के कुछ महत्वपूर्ण विभागों का भारी भरकम बजट होने के बावजूद इनका प्रदर्शन औसत से कम रहा. ग्रामीण विकास विभाग: 1,632 करोड़ रुपये के बजट का बड़ा हिस्सा अब तक खर्च नहीं हो पाया है. सिंचाई विभाग: 1,380 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ था, लेकिन खर्च कम हुआ. शहरी विकास विभाग: 774 करोड़ के बजट में से केवल 64.48% खर्च हुआ.
वित्त सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि सभी विभागों से अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट प्रस्ताव मांगे गए हैं. लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जो विभाग अपने वर्तमान बजट का सही उपयोग नहीं कर सके, उनके प्रस्तावित बजट पर पुनर्विचार किया जाए. वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा- "हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि आवंटित बजट को समय पर खर्च किया जाए. कैपिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में पीछे रहने वाले विभागों को सुधार करना होगा, अन्यथा उनके बजट में कटौती की जाएगी."
आगामी बजट के लिए वित्त विभाग ने शुरू की तैयारी
राज्य में बजट खर्च का सही उपयोग विकास कार्यों की सफलता का पैमाना माना जाता है. आगामी बजट के लिए वित्त विभाग पहले ही तैयारी शुरू कर चुका है. फरवरी में केंद्रीय बजट पेश होने के बाद राज्य का बजट जारी किया जाएगा. उत्तराखंड सरकार के कई विभाग बजट खर्च के मामले में पिछड़ गए हैं. इसका सीधा असर विकास कार्यों पर पड़ता है. यदि विभागों ने अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया, तो उन्हें अगले वित्तीय वर्ष में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. वहीं, बेहतर प्रदर्शन करने वाले विभागों को प्रोत्साहित किया जाएगा. सरकार का उद्देश्य है कि बजट का अधिकतम उपयोग कर राज्य के विकास को नई ऊंचाई दी जाए.
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