Uttarakhand News: अब यमुनोत्री धाम की यात्रा होगी आसान, धामी सरकार ने रोप-वे निर्माण के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया साइन
Yamunotri Dham: सीएम धामी ने कहा कि रोप-वे परियोजना के बनने के बाद यमुनोत्री धाम अपने शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली से जुड़ जायेगा और श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन के लिए सुगमता से पहुंच सकेंगे
Dehradun News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में चार धामों में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित यमुनोत्री धाम की यात्रा को सुगम बनाने के लिए गुरुवार को उत्तराखंड सरकार ने 166.82 करोड़ रुपये की लागत वाली रोप-वे परियोजना के निर्माण हेतु कॉन्ट्रैक्ट साइन किया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की उपस्थिति में यमुनोत्री रोप-वे परियोजना के लिए प्रदेश के पर्यटन विभाग और निजी निर्माण कंपनी ‘एसआरएम इंजीनियरिंग एवं एफआईएल इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड’ के बीच कॉन्ट्रैक्ट साइन किया गया.
श्रद्धालुओं को जानकीचट्टी (खरसाली) पैदल मार्ग के जरिए करीब 11 हजार फुट की उंचाई पर स्थित यमुनोत्री धाम पहुंचने में अभी करीब तीन घंटे का समय लगता है, लेकिन रोप-वे से महज 15—20 मिनट में यह दूरी तय की जा सकेगी. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि रोप-वे परियोजना के बनने के बाद यमुनोत्री धाम अपने शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली से जुड़ जायेगा और श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन के लिए सुगमता से पहुंच सकेंगे और प्रदूषण मुक्त प्राकृतिक सौन्दर्य का लाभ उठा पायेंगे. सीएम धामी ने कहा कि रोप-वे बनने से श्रद्धालुओं को सुविधा मिलने के साथ ही स्थानीय स्तर पर भी लोगों के रोजगार के संसाधन बढ़ेंगे.
फ्रांस और स्विटजरलैंड की तर्ज पर किया जाएगा निर्माण
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि खरसाली से यमुनोत्री धाम तक बनने वाला यह रोप-वे यमुना के ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन धामों को एक साथ जोड़ने और उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं में एक और नये अध्याय का कार्य करेगा. परियोजना का क्रियान्वयन तय समय सीमा में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है.
प्रदेश के पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि 3.38 किमी लंबाई का पीपीपी मोड पर बनने वाला यह रोप-वे मोनोकेबल डिटैचबल प्रकार का होगा जिसका निर्माण यूरोपीय मानकों के अनुसार फ्रांस और स्विटजरलैंड की तर्ज पर किया जायेगा.
प्रदेश के पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि इस रोपवे की यात्री क्षमता एक घंटे में लगभग 500 लोगों को ले जाने की होगी जबकि एक कोच में एक बार में आठ यात्री जा सकेंगे. यमुनोत्री को रोप-वे से जोड़ने के साथ ही वहां पार्किंग, आवासीय व्यवस्था और रेस्टोरेंट का निर्माण भी प्रस्तावित हैं. रोप-वे का लोअर टर्मिनल खरसाली में 1.787 हेक्टेयर भूमि पर जबकि अपर टर्मिनल 0.99 हेक्टेयर भूमि पर यमुनोत्री में बनाया जायेगा.
यह भी पढ़ें:-