Uttarakhand Disaster: करीब दो हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान, ऋषिगंगा वैली में बनी झील को खाली कराने पर विचार
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि झील अभी स्टेबल है और उस झील से रिसाव हो रहा है लिहाजा रिसाव होना अच्छा है. सरकार का प्रयास है कि ऋषिगंगा वैली में जो झील बनी है उसको खाली करा दिया जाए.
देहरादून: जोशीमठ के रैणी गांव में आई आपदा के बाद से ही रेस्क्यू अभियान जारी है, तो वहीं ऋषिगंगा वैली में बनी झील को लेकर राज्य सरकार और वैज्ञानिकों के बीच मंथन जारी है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ऋषिगंगा वैली में बनी झील से रिसाव हो रहा है, लिहाजा ये झील खतरनाक नहीं है. लेकिन भविष्य के खतरों को देखते हुए राज्य सरकार इस झील को खाली कराने पर विचार कर रही है. जिसके लिए उत्तराखंड सरकार भारत सरकार के इंस्टीट्यूशन की भी सहायता लेगी. यही नहीं रैणी गांव में आयी आपदा के नुकसान का भी आकलन किया जा रहा है.
ऋषिगंगा वैली में बनी झील को खाली करने पर विचार
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि झील अभी स्टेबल है और उस झील से रिसाव हो रहा है लिहाजा रिसाव होना अच्छा है. साथ ही कहा कि जो वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट सौंपी है उस पर अध्ययन किया जा रहा है. जिसके बाद तय किया जाएगा कि क्या करना है. साथ ही बताया कि यह भी पॉसिबल है कि भारत सरकार के जो इंस्टीट्यूशंस हैं उनकी भी सहायता लेनी पड़े क्योंकि सरकार का प्रयास है कि ऋषिगंगा वैली में जो झील बनी है उसको खाली करा दिया जाए.
ग्लेशियर मॉनिटरिंग इंस्टिट्यूट स्थापित करने के प्रस्ताव में जुटा शासन
उत्तराखंड रीजन में मौजूद ग्लेशियरों की स्टडी के सवाल पर ओमप्रकाश ने बताया कि एक प्रस्ताव पर सहमति बनी है कि प्रदेश में एक ग्लेशियर मॉनिटरिंग इंस्टीट्यूट को स्थापित किया जाए, जिससे उत्तराखंड के हिमालय रीजन में मौजूद ग्लेशियर की लगातार स्टडी कराई जा सके. प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है जिसे जल्द ही भारत सरकार को भेजा जाएगा.
आपदा से करीब 2 हज़ार करोड़ के नुकसान की संभावना
जोशीमठ के रैणी गांव में आई भीषण आपदा से जानमाल को काफी नुकसान पहुंचा है. वर्तमान समय में रेस्क्यू अभियान भी जारी है इसी बीच राज सरकार इस आपदा से हुए आर्थिक नुकसान का आकलन भी करने में जुट गई है. तो वही, नुकसान के आकलन के सवाल पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि अभी पूरा स्पष्ट आकलन नहीं है कि इस तरह से कितना नुकसान हुआ है. लेकिन अभी तक जो आकलन किया गया है उसके अनुसार 1500 से 2000 करोड़ रुपये तक के नुकसान की संभावना है.
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