Uttarakhand News: उत्तराखंड के सभी जिलों में ड्रोन स्कूल (Drone School) खोलने पर काम किया जा रहा है. वहीं ड्रोन के जरिए दूरदराज के इलाके से ब्लड सैंपल (Blood Sample) भी कलेक्ट किए जा रहे हैं जिसमें समय की बचत हो रही है. आईटीडीए ड्रोन तकनीक को सुदृढ़ कर इसका विभिन्न जगहों पर बेहतर इस्तेमाल करेगा. राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को देखें तो यहां ड्रोन तकनीक का बेहतर इस्तेमाल कर इसका लाभ उठाया जा सकता है. इसी वजह से आईटीडीए इस पर काम कर रहा है.


इसका ट्रायल भी ब्लड सैंपल कलेक्ट करने के लिए शुरू हो चुका है. अभी देहरादून से उत्तरकाशी तक ड्रोन उड़ाया जा रहा है, जिसमें लगभग 12 ब्लड सैंपल भी ड्रोन द्वारा उत्तरकाशी से देहरादून लाए गए हैं. अभी ड्रोन के माध्यम से छह किलोग्राम तक का सामान लाया जा रहा है. दरअसल, उत्तराखंड में ड्रोन की अपार संभावनाएं हैं. यहां के ऐसे दूरस्थ इलाके जहां पहुंच पाना इंसान के लिए संभव नहीं है. ऐसे में ड्रोन से काफी मदद मिल रही है.


घायलों को लिफ्ट करने के लिए प्लानिंग शुरू


अभी मेडिकल फेसेलिटी को दूरस्थ इलाकों में पहुंचाने का काम ड्रोन के जरिए किया जा रहा है लेकिन आने वाले समय में ड्रोन की एक ऐसी तकनीक लाने की प्लानिंग की गई है जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा. दरअसल, हेवी लिफ्टिंग ड्रोन बना जाएगा जिससे किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को ड्रोन से उठाकर घटनास्थल से रोड हेड तक लाया जा सकेगा. इसको लेकर आईटीडीए ने एक प्रपोजल बनाया है.


ऐसा होता है तो आपदा के समय ये टेक्नोलॉजी रामबाण साबित होगी. ड्रोन द्वारा प्रदेश में कई कामों को आसान तो किया ही जाएगा साथ में इसकी ट्रेनिंग देकर यहां के युवा इसके एक्सपर्ट भी बनेंगे और उनके लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे. पुलिस के साथ-साथ उत्तराखंड के युवा भी ड्रोन तकनीकी में एक्सपर्ट होंगे. अब जल्द सभी जिलों में ड्रोन स्कूल खोलकर इस पूरी प्लानिंग को आगे बढ़ाया जा रहा है.


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