Uttarakhand News: उत्तराखंड में कल रात से पहाड़ी इलाको में हो रही बर्फवारी और तराई के क्षेत्र में हो रहे कोहरे से इस समय ठंड का प्रकोप छाया हुआ है. ठंड के इस प्रकोप से आम आदमी, पशु-पक्षी ही नही भगवान भी अछूते नहीं है. जनवरी माह शुरू होते ही पड़ रही कड़ाके की ठंड के कारण मंदिरों में भगवान की मूर्तियों को पुजारियों द्वारा ऊनी कपड़े पहनाये गये हैं.


भगवान की मूर्तियों को पहनाए गए ऊनी वस्त्र 
तराई क्षेत्र में आजकल ठंड और कोहरे का कहर छाया हुआ है. इस ठंड के कहर से भगवान भी नहीं बच पा रहे है. मंदिरों में पुजारियों ने भगवान की मूर्तियों को ऊनी वस्त्र पहना दिये हैं. कहीं कहीं तो भगवान की मूर्तियों के आगे हीटर भी जलाकर रख दिये हैं ताकि मंदिरों में जहां भगवान की मूर्तियां रखी हैं वहां मौसम में गर्माहट बनी रहे.


क्या है वजह
हनुमान मंदिर के पुजारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि ठंड की शुरुआत होते ही मंदिर में भगवान की मूर्तियों को ऊनी वस्त्र पहनाये जाते हैं क्योंकि भगवान की मूर्ति को जब मंदिर में स्थापित किया जाता है तो मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. मान्यता है कि जिस दिन मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है उस दिन से मूर्ति में भी प्राण आ गये हैं. मूर्ति को भी आम इंसान की तरह भूख, प्यास और सर्दी-गर्मी लगेगी. इसलिये मंदिरों और घरों में भगवान की मूर्ति को सुबह-शाम भोग लगाया जाता है. दोपहर और रात को मंदिर के गर्भगृह में जहां मूर्ति रखी जाती दरवाजा बंद करके भगवान को आराम कराया जाता है. सर्दी शुरू होते ही सर्दी के कपड़े पहनाए जाते हैं जो समय - समय पर बदले भी जाते है. 


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