Uttarakhand Election 2022: चुनावी मौसम में "जिलों की जलेबी" छान रहे है सियासी सूरमा, पैसा कहां से आएगा किसी के पास नहीं कोई कार्ययोजना
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव अब बेहद नजदीक हैं. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनावी घोषणाएं भी की जा रही हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस और आप पार्टी ने राज्य में जिलों के गठन का वादा किया है.
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Uttarakhand Election 2022: जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे है, प्रदेश में जिला बनाओ राजनीति तेज होती जा रही है. यानि सियासी दल "जिलों की जलेबी" छान रहे है. इसमें बीजेपी तो चुपचाप तमाशा देख रही है लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अपनी सरकार बनने पर नए जिलों के गठन करने की लंबी चौड़ी घोषणाएं कर डाली है.
86 हजार करोड़ के कर्ज में दबे उत्तराखंड प्रदेश में इस बात का भी अध्ययन नहीं किया कि नए जिलों की आवश्यकता भी है कि नहीं? और नए जिलों पर होने वाले सैकड़ों करोड़ के बजट की व्यवस्था कैसे और कहाँ से होगी? जिस हिसाब से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने जिले बनाने की घोषणा की है उस हिसाब से क्रमश 3000 करोड़ और 1800 करोड़ रूपये चाहिए.
राजनीतिक पार्टियों की घोषणाएं पूरी तरह से चुनावी
प्रथम दृष्ट्या ये घोषणाएं पूरी तरह से चुनावी लगती है. राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में एक भी जिला बनाने की जरुरत क्यों नहीं हुई? यह भी देखने वाली बात है. हां, तहसीलें दर्जनों बनाई लेकिन कइयों को आज तक पूर्णकालिक तहसीलदार तक नसीब नहीं हुए. कई तहसील तो ऐसी हैं जहां नाजिर छुट्टी पर जाता है तो तहसील के गेट पर ताला लग जाता है.
नेताओ के दावों और प्रतिदावों के बीच इस बात का अध्ययन नहीं किया गया कि जो घोषणाएं की जा रही है वो कैसे पूरी होंगी ? आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नए जिले बनाने की जो घोषणा हो रही है वो सामान्य वादों की तरह है या इसमें किसी तरह की कोई गंभीरता भी छुपी हुई है?
किसने कौन से जिले बनाने की घोषणा की
कांग्रेस कैम्पेन कमेटी के चैयरमैन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने घोषणा की है कि खटीमा, काशीपुर, डीडीहाट, रामनगर, कोटद्वार, यमुनोत्री, रुड़की, बीरोंखाल, गैरसैण, पुरोला को जिला बनाया जायेगा.
आम आदमी पार्टी ने की ये जिले बनाने की घोषणा
वहीं आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में सत्ता में आने पर काशीपुर, रानीखेत, डीडीहाट, रुड़की, यमुनोत्री और कोटद्वार को जिला बनाने का वादा किया है.
जिला बनाने के लिए जरुरी नियम और बजट
- उत्तर प्रदेश के समय में मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद एक निर्णय हुआ था, जिसमें इस बात का उल्लेख है कि जिला बनाने के लिए क्या चाहिए?
- एक जिला बनाने के लिए 12 विकास खंड (ब्लॉक) होने चाहिए. इसके अलावा एक जिले को पूरी तरह से स्थापित करने के लिए 300 करोड़ के बजट की व्यवस्था करनी होगी.
- कांग्रेस ने दस नए जिले बनाने की घोषणा की है तो 3000 करोड़ की व्यवस्था करनी पड़ेगी.
- आम आदमी पार्टी ने छह जिले बनाने की घोषणा की है, इस हिसाब से 1800 करोड़ के बजट की आवश्यकता होगी।.
- इन दोनों राजनीतिक पार्टियों ने यह नहीं बताया कि इस बजट की व्यवस्था कहां से होगी?
क्या कहते है मदन कौशिक
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पास घोषणा करने के अलावा कुछ नहीं है, जिले बनाने थे तो हरीश रावत ने अपनी पिछली सरकार में क्यों नहीं बनाये, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में क्यों नए जिले नहीं बनाये ?
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत क्या बोले
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमारी सरकार आएगी तो हम रुड़की से लेकर डीडीहाट तक दस नए जिलों का गठन करेंगे. इसके लिए बजट की व्यवस्था करने के लिए हुनर चाहिए, हम बंदोबस्त कर लेंगे उत्तराखंड प्रदेश की मांग है कि नई प्रशासनिक इकाइयों का गठन होना चाहिए.
आप नेता कर्नल अजय कोठियाल का दावा
आप नेता कर्नल अजय कोठियाल का कहना है कि कांग्रेस और भाजपा केवल कोरी घोषणाएं करती है, आम आदमी पार्टी जो कहती है वो करके दिखाती है. हमने कहा है कि नए जिले बनाएंगे, सत्ता में आने के बाद करके भी दिखा देंगे.
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