(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttarakhand Election 2022: नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट देने में आगे हैं कांग्रेस और बीजेपी, जानिए कितने टिकट रिश्तेदारों को दिए हैं
Uttarakhand Election 2022: बीजेपी ने नेताओं के 8 रिश्तेदारों को टिकट दिए हैं. इनमें से 4 पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने ऐसे 6 लोगों को टिकट दिए हैं. इनमें से 4 पहली बार चुनाव मैदान में हैं.
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव का प्रचार जोर-शोर से चल रहा है. इसके लिए उम्मीदवार दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. इस बार इस पहाड़ी राज्य में सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस ने अपने 20 फीसदी टिकट अपने नेताओं के रिश्तेदारों को दिए हैं. उत्तराखंड की विधानसभा में कुल 70 सीटें हैं यानि की 14 सीटों पर नेताओं के रिश्तेदार चुनाव मैदान में हैं.
अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक बीजेपी ने अपने नेताओं के 8 रिश्तेदारों को टिकट दिए हैं. इनमें से 4 लोग पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं. वहीं कांग्रेस ने ऐसे 6 लोगों को टिकट दिए हैं. इनमें से 4 उम्मीदवार पहली बार चुनाव मैदान में हैं.
किसका कौन रिश्तेदार कहां से लड़ रहा है
कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री और चुनाव अभियान के प्रमुख हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत को हरिद्वार ग्रामीण सीट से टिकट दिया है. वहां उनका मुकाबला बीजेपी विधायक स्वामी यतिशवरानंद से है. वहीं लैंड्सडाउन सीट से कांग्रेस ने अनुकृति गुसाईं रावत को टिकट दिया है. वो बीजेपी छोड़कर आने वाले हरक सिंह रावत की बहू हैं. वहां उनका मुकाबला बीजेपी विधायक दिलीप सिंह रावत से है. वो बीजेपी के कद्दावर नेता भरत सिंह रावत के बेटे हैं. कांग्रेस ने हल्द्वानी सीट से सुमिक हृदयेश को टिकट दिया है. वो कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रहीं इंदिरा हृयदेश के बेटे हैं. उनका मुकाबला बीजेपी के जोगेंद्रपाल सिंह रौतेला से है.
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बीजेपी ने काशीपुर विधानसभा सीट से त्रिलोक सिंह चीमा को उम्मीदवार बनाया है. वो निवर्तमान विधायक हरभजन सिंह चीमा के बेटे हैं. वो यहां से 2002 से ही जीतते आ रहे थे. उनकी बढ़ती उम्र की वजह से पार्टी ने उनके बेटे को टिकट दिया है. इस सीट से कांग्रेस ने कुंवर नरेंद्र चंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है. वो पार्टी के वरिष्ठ नेता करन चंद सिंह बाबा के बेटे हैं. बाबा नैनीताल-उधमसिंहनगर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं.
8 बार के विधायक की पत्नी को बीजेपी ने दिया टिकट
हरवंश कपूर देहरादून विधानसभा सीट से 8 बार विधायक चुने गए थे. उनके निधन के बाद बीजेपी ने उनकी पत्नी सविता कपूर को उम्मीदवार बनाया है. कपूर उत्तर प्रदेश विधानसभा के भी सदस्य थे. बीजेपी ने खानपुर सीट से कुंवरानी देवयानी को टिकट दिया है. इस सीट से उनके पति कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन 4 बार विधायक चुने गए. देवयानी के पिता महेंद्र भाटी और ससुर नरेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदस्य रह चुके हैं.
पहली बार चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में चकराता सीट से बीजेपी के उम्मीदवार रामशरण नौटियाल का नाम भी शामिल है. वो गायक जुबिन नौटियाल के पिता हैं. उनका मुकाबला विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रीतम सिंह से है. बीजेपी ने यमकेश्वर विधायक रितु खंडूड़ी भूषण को कोटद्वार से उम्मीदवार बनाया है. वो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (रिटायर) भुवन चंद्र खंडूड़ी की बेटी हैं. राज्य के एक और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा को सितारगंज से उम्मीदवार बनाया है. वो पिछला चुनाव भी यहीं से जीते थे.
बीजेपी ने राज्य के पूर्व मंत्री प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत को पिथौरागढ़ से टिकट दिया है. पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के भाई महेश जीना को साल्ट सीट से बीजेपी ने टिकट दिया है. महेश ने इस सीट से 2019 और 2021 का उपचुनाव जीता था. कांग्रेस ने पूर्व विधायक संजीव आर्य को नैनीताल से टिकट दिया है. वो अपने पिता यशपाल आर्य के साथ कुछ महीने पहले ही बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए हैं. सुरेंद्र राकेश की पत्नी ममता राकेश को कांग्रेस ने भगवानपुर सीट से फिर उम्मीदवार बनाया है.