Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखंड में चुनावी सरगर्मियां पूरी तरीके से तेज हो चली हैं. उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए 2 महीने से भी कम वक्त बचा हुआ है. ऐसे में जहां एक ओर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के केंद्रीय नेताओं के ताबड़तोड़ दौरे उत्तराखंड में शुरू हो गए हैं. वहीं कांग्रेस अपने प्रदेश स्तरीय नेताओं पर ही भरोसा बनाए हुए हैं. दरअसल कांग्रेस के चुनाव में गांव-गांव कनेक्शन को देखते हुए लग रहा है कि कांग्रेस गांव गांव खुद को मजबूत कर 2022 में पार्टी की जीत देख रही है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक उत्तराखंड में चुनावी बिगुल बजा चुके हैं. भाजपा के बड़े नेता रैलियां करते हुए सड़कों पर दमखम दिखाते नजर आ रहे हैं. उधर कांग्रेस में पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल गांव-गांव लोगों के बीच दिखाई दे रहे हैं. हालांकि पहाड़ी मूल के ना होने के बावजूद भी कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पहाड़ों में डेरा डाले हुए हैं. इन सब परिस्थितियों को देखते हुए लग रहा है कि कांग्रेस गांव-गांव खुद को मजबूत कर 2022 की जीत फतेह करना चाहती है.


उधर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भाजपा के केंद्रीय नेताओं के दौरे पर कहा कि चुनाव में स्टार प्रचारकों के बल पर ही आगे नहीं बढ़ा जा सकता. गोदियाल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास प्रदेश में चुनाव लड़ने के लिए कोई मुद्दा ही नहीं है और यही वजह है कि चुनाव करीब आते ही अब पूरा दमखम केंद्र के नेता लगा रहे हैं.


बीजेपी के सभी बड़े नेता उत्तराखंड आ चुके हैं


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई केंद्रीय नेता उत्तराखंड आ चुके हैं जबकि कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं का अभी कोई भी दौरा उत्तराखंड में नहीं हुआ है, उधर उत्तराखंड में अपनी जमीन मजबूत कर रही आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल भी उत्तराखंड में कई बार आ चुके हैं और चुनाव को देखते हुए बड़ी लोक लुभावनी घोषणाएं भी कर चुके हैं. जबकि पूर्व सीएम हरीश रावत इन सब केंद्र नेताओं को सोशल मीडिया के माध्यम से ही जवाब देते हुए दिखाई दे रहे हैं. गांव-गांव कनेक्ट पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का मानना है कि कांग्रेस पहले से ही गांव के लोगों के साथ रही है और इस समय कांग्रेस के लिए अच्छी संभावनाएं हैं, जबकि भाजपा के लिए विकट स्थितियां हैं.


स्वभाविक है कि जब केंद्रीय नेताओं के प्रदेश में दौरे होते हैं तो कार्यकर्ताओं में उत्साह होता है और जनता के बीच भी एक संदेश जाता है. लेकिन कांग्रेस इस वक्त एक अलग रणनीति के तहत प्रदेश में अपने चुनाव अभियान को आगे बढ़ाती हुए दिखाई दे रही है.


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