नई दिल्ली: उत्तराखंड में कांग्रेस ने 53 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. पार्टी का कहना है कि सभी 70 उम्मीदवारों के नाम फाइनल हो चुके हैं. बाकियों का एलान भी बहुत जल्द कर दिया जाएगा. इन 53 नामों की लिस्ट में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष तक के नाम हैं लेकिन हरीश रावत का लिस्ट में नाम शामिल नहीं है. ना ही काफी मशक्कत में पार्टी में लौटे हरक सिंह रावत और उनकी बहू को फिलहाल टिकट दिया गया है.


जबकि शुक्रवार को दिन भर कांग्रेस में हरक सिंह रावत को शामिल करने पर ही मंथन होता रहा. उसके बाद देर शाम उम्मीदवारों की लिस्ट बनाने का काम शुरू हुआ. जिस पर रात भर मंथन चला. बड़ी बात ये कि कांग्रेस ने किसी विधायक का टिकट नहीं काटा है. पहली लिस्ट में मौजूदा सभी विधायकों को जगह दी गई है.. 


बड़ी सीटों पर एक नजर, किसे कहां से मिला टिकट
53 उम्मीदवारों में से कुछ बड़ी सीटों पर नजर डालिए कि वहां से किसे मैदान में उतारा गया है. खटीमा सीट से बी सी कापड़ी को टिकट मिला है.. जिनका मुकाबला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से होगा. कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को चकराता सीट से मैदान में उतारा है. तो प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को श्रीनगर सीट से टिकट मिला है. 


बीजेपी से दोबारा कांग्रेस में लौटे यशपाल आर्य को बाजपुर एससी सीट से टिकट दिया गया है. तो यशपाल आर्य के बेचे संजीव आर्य को नैनीताल एससी से मैदान में उतारा गया है. स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश को हल्दवानी से चुनाव लड़ने का मौका मिला है. सतपाल ब्रह्मचारी को  हरिद्वार से टिकट मिला है.


सुरेंद्र सिंह नेगी को कोटद्वार से टिकट मिला है. विजयपाल सिंह सजवान को गंगोत्री से मौका मिला है . राजेन्द्र सिंह भंडारी बदरीनाथ से चुनाव लड़ेंगे. केदारनाथ से मनोज रावत को टिकट दिया गया है. देव प्रयाग से मंत्री प्रसाद नैथानी को टिकट दिया गया है.


उत्तराखंड में यूपी  वाला फॉर्मूला नहीं
पहली लिस्ट को देखकर कहा जा सकता है कि कांग्रेस ने पंजाब के बाद उत्तराखंड में भी यूपी वाला फेमस फॉर्मूला नहीं अपनाया जिसके तहत 40 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया गया. कांग्रेस ने करीब 5 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया. पंजाब में कांग्रेस के 86 उम्मीदवारों में सिर्फ 9 महिलाएं. पंजाब में कांग्रेस ने करीब 10% महिलाओं को टिकट दिया.


सवाल है कि क्या यूपी में 40 फीसदी महिलाओं को मौका दे दिया गया. क्योंकि यूपी में पार्टी के पास खोने को कुछ भी नहीं है. जबकि पंजाब और उत्तराखंड में पार्टी मुकाबले में है.. और इसलिए जीतने वाले नेताओं को टिकट दिया जा रहा है ?


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