Uttarakhand Elections: हाथ में त्रिशूल लेकर जमकर नाचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का किया वादा
Uttarakhand Election 2022: रावत ने कहा कि सत्ता में आने पर वह पहले अपने अधूरे रह गए कार्यों को पूरा करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि हक हकूकधारियों और पुजारियों के पारंपरिक अधिकार बने रहें.
Uttarakhand Assembly Election 2022: कांग्रेस महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को केदारनाथ में पूजा की और हिमालयी धाम में मौजूद तीर्थ पुरोहितों से वादा किया कि पार्टी के सत्ता में आने पर चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा. माथे पर चंदन का लेप लगाकर और हाथ में त्रिशूल लेकर रावत ने मंदिर के बाहर एक साधु के पास खड़े होकर 'शिव तांडव स्तोत्र' का पाठ करते हुए नृत्य भी किया. रावत ने बाद में अपने केदारनाथ दौरे के कई वीडियो भी पोस्ट किए.
केदारनाथ में रावत ने कहा कि केदारपुरी में किए जा रहे ज्यादातर पुनर्निर्माण कार्य उनके मुख्यमंत्री रहते हुए शुरू हुए थे. हालांकि, उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने उन कार्यों पर अपनी मुहर लगाने के लिए उनमें उपरी तौर पर कुछ बदलाव किए और उन्हें अपना बनाकर पेश कर दिया. यह पूछे जाने पर कि सत्ता में आने पर उनकी प्राथमिकताएं क्या होंगी, रावत ने कहा कि वह पहले अपने अधूरे रह गए कार्यों को पूरा करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि हक हकूकधारियों और पुजारियों के पारंपरिक अधिकार बने रहें.
देवस्थानम बोर्ड भंग करने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ''..... हमारी परंपराओं में पुजारियों का, हक हकूकधारियों का, पंडो का, सबका अपना-अपना उल्लेख है. हम उससे कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे, यथावत रखेंगे. देवस्थानम बोर्ड हमारी तरफ से भंग है.'' रावत के साथ खड़े तीर्थ पुरोहितों ने इस घोषणा का स्वागत किया और उनके समर्थन में 'हरीश रावत तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं' जैसे नारे लगाए.
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में पारित देवस्थानम अधिनियम का चारों धामों के तीर्थ पुरोहित विरोध कर रहे हैं. उनका मानना है कि बोर्ड का गठन उनके अधिकारों का हनन है. जुलाई में मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता की अध्यक्षता में देवस्थानम अधिनियम के विधिक पहलुओं का आंकलन करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था. इस समिति ने सोमवार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री धामी को सौंप दी. हालांकि, इस बारे में अभी कुछ सार्वजनिक नहीं किया गया है कि रिपोर्ट में समिति ने क्या सुझाव दिए हैं.
यह भी पढ़ें-