Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड मे विधानसभा चुनाव नजदीक हैं जिस कारण राजनीतिक गलियारे में काफी हलचल बनी हुई है. हालांकि इस समय बीजेपी में कुछ ठीक नहीं चल रहा है. यूं कहिए की बीजेपी की अंदरूनी कलह खुलकर सबके सामने आ गई है. दरअसल फैसले पर सवाल उठाए जाने से नाराज उत्तराखंड बीजेपी के बड़े चेहरे और पुष्कर सिंह धामी की सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफा देने की खबरें हैं. इन खबरों के बीच बीजेपी ने हरक सिंह रावत की नाराजगी की बात तो मानी है लेकिन इस्तीफे से इनकार किया है. हालांकि इन सबके बीच हरक सिंह रावत आज दिल्ली में पार्टी हाईकमान से मुलाकात कर सकते हैं.
वैसे, धामी सरकार में वन एवं पर्यावरण, लेबर और स्किल डेवलेपमेंट मंत्रालय का भार संभालने वाले हरक सिंह रावत कई मौकों पर बगावती तेवर दिखा चुके हैं. चलिए एक नजर डालते हैं उनके राजनीतिक करियर पर.
हरक सिंह रावत ने 1989 में बीजेपी के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था
तीन बार कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत ने 1989 में बीजेपी के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था, लेकिन बाद में वह बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और फिर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. रावत साल 2016 में फिर से बीजेपी में शामिल हो गए थे. राजपूत जाति से ताल्लुक रखने वाले हरक सिंह रावत ने 2016 में कांग्रेस आलाकमान से बगावत कर बीजेपी का दामन थामा था.
हरक सिंह रावत उत्तराखंड की पिछली कई सरकार में मंत्री रह चुके हैं
हरक सिंह ने रावत पहली बार 1991 में पौड़ी से चुनकर विधानसभा आए थे. गौरतलब है कि उस समय उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा था. वह 2017 में कोटद्वार विघानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते थे. हरक सिंह रावत उत्तराखंड विधानसभा विपक्ष के नेता रह चुके हैं. वे 1991 से अब तक यूपी और उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं. हरक सिंह रावत उत्तराखंड की पिछली कई सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वह तीरथ सिंह रावत सरकार में भी कैबिनेट मंत्री थे. उनके पास वन और आयुष मंत्रालय विभाग था.
बहरहाल बीजेपी से इस्तीफा दिए जाने की खबरों के साथ अब एक बार फिर हरक सिंह रावत के घर वापसी यानी कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें जोर पकड़ रही हैं. वैसे देखने वाली बात होगी कि हरक सिंह रावत का अगला कदम क्या होगा.
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