(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttarakhand Election 2022: BJP से निकाले जाने के बाद हरक सिंह रावत का पहला बयान, अमित शाह का नाम लेकर कही यह बड़ी बात
Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने बगावती तेवर अपनाने के चलते हरक सिंह रावत को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
Uttarakhand Election 2022: यूपी के बाद अब उत्तराखंड की सियासत में भी काफी हलचल नजर आ रही है. बता दें कि यहां बीजेपी ने बागी नेताओं को अब पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में बीजेपी ने रविवार को राज्य सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत को विरोधी तेवर अपनाने के चलते पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया. वहीं पार्टी के निकाले जाने के बाद हरक सिंह रावत का पहला बयान आया है.
मुझे मंत्री पद का लालच नहीं- हरक सिंह रावत
बता दें कि हरक सिंह रावत ने पार्टी से निष्कासित किए जाने पर कहा है कि, “ मैं अमित शाह से मिलना चाहता था. वह कह रहे हैं कि दो टिकट मांग रहे हैं पहले क्या इस तरह से टिकट नहीं दिए गए हैं क्या? मुझे मंत्री पद का कोई लालच नहीं है. हम पिछले पांच साल में नौजवानों को रोजगार नहीं दे पाए क्या उत्तराखंड नेताओं को रोजगार देने के लिए बनाया गया है. बीजेपी किस तरह के लोगों को प्रदेश चलाने के लिए देना चाहती है.”
पार्टी ने अपनी गलती छिपाने के लिए ये सब किया- रावत
रावत ने आगे कहा कि, “ आज मेरे माध्यम से उत्तराखंड का भला होने जा रहे है. लेकिन पार्टी ने अपनी गलती को छुपाने के लिए ये किया है. इन सब को मैं जानता हूं. मैं सिर्फ काम करना चाहता था. अगर स्कूल बन जाता तो क्या मेरे बच्चे वहां जाते.”
वहीं उन्होंने कहा कि वे निस्वार्थ होकर कांग्रेस को जीताने का काम करेंगे. रावत ने आगे कहा कि, “मैं किसी को झूठा आश्वासन नहीं देता हूं.अगर फोन आता भी था तो सबको बता देता था. अगर किसी का फोन आ रहा है तो क्या में उनके साथ चला गया. उनसे गलती हो गई गलत ख़बर के हिसाब से उन्होंने फैसला लिया.”
सीएम धामी ने रावत को पार्टी से निष्कासित किए जाने की सिफारिश की थी
गौरतलब है कि उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे मंत्री हरक सिंह रावत को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है. इसकी सिफारिश खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल से की थी. अब खबरें हैं कि हरक सिंह रावत सोमवार को दो बीजेपी विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. वैसे बता दें कि रावत पहले भी कई बार बगावती तेवर दिखा चुके हैं. साल 2016 में वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. उस समय 2017 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले थे. उसके बाद से ही राज्य नेतृत्व से लगातार उनकी तकरार होती रही है जो अब खुलकर सामने आ चुकी है.
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