Uttarakhand Election: उत्तराखंड की कालाढूंगी विधानसभा सीट पर भी मतदाताओं की राय अलग-अलग नजर आ रही है. लोग इस बार बदलाव की बात करते नजर आ रहे हैं तो कुछ लोग कहते हैं वर्तमान विधायक ठीक काम कर रहे हैं. हालांकि अभी इसके लिए 14 फरवरी का इंतजार करना पड़ेगा. उत्तराखंड की कालाढूंगी विधानसभा सीट 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. जिसके बाद से ये सीट बीजेपी के कब्जे में रही है, जहां से बीजेपी के बंशीधर भगत चुनाव जीतते रहे हैं. वहीं इस बार भी कालाढूंगी विधानसभा सीट से बंशीधर भगत और कांग्रेस के महेश जोशी चुनावी मैदान में हैं. 


ये रहा इतिहास
कालाढूंगी विधानसभा सीट के पहले विधायक बीजेपी के बंशीधर भगत रहे, जिन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रकाश जोशी को 2300 वोटों से हराया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने यहां दूसरी बार फिर से बंशीधर भगत पर विश्वास जताया और इन्होंने कांग्रेस के प्रकाश जोशी को करीब 22000 मतों से शिकस्त दी. इस बार भी तीसरी बार भी बीजेपी से बंशीधर भगत चुनावी मैदान में है तो कांग्रेस ने इस बार महेश जोशी पर भरोसा जताया है.


बीजेपी का गढ़ मानी जाती है ये सीट
कालाढूंगी विधानसभा सीट की भौगोलिक परिस्थितियां पहाड़ के साथ-साथ तराई के क्षेत्र से भी लगी हुई हैं. जहां-जहां सबसे ज्यादा मतदाता तराई के क्षेत्रों में हैं. कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र बीजेपी गढ़ माना जाता है. यहां पर अधिकतर लोग सर्विस क्लास या रिटायर्ड कर्मचारी रहते हैं. कालाढूंगी विधानसभा सीट नैनीताल जिले की सबसे अधिक मतदाता वाली विधानसभा सीट है, जहां पर 1,72,000 वोटर्स हैं. इनमें 88,532 पुरुष जबकि 83,641 महिला मतदाता हैं.  


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