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Uttarakhand Election 2022: जानिए- कौन हैं हरक सिंह रावत जो आज हुए हैं कांग्रेस में शामिल?
Uttarakhand Elections: पांच दिन के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार हरक सिंह रावत की कांग्रेस में एंट्री हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की हामी के बाद हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल कराया गया.
Uttarakhand Assembly Election 2022: पांच दिन के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार हरक सिंह रावत की कांग्रेस में एंट्री हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की हामी के बाद हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल कराया गया, दिल्ली में हरक सिंह रावत की जॉइनिंग के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव समेत कई नेता मौजूद रहे.. आपको बता दें कि अनुशासनहीनता के चलते हरक सिंह रावत को बीजेपी ने 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया था और कैबिनेट पद से भी बर्खास्त कर दिया गया था ,उस दिन से लेकर आज तक हरक सिंह रावत कांग्रेस में एंट्री की राह ताक रहे थे. हरक सिंह रावत के साथ उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया.
हाईकमान की अनुमति के बाद एंट्री
खबर है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी की हरी झंडी के बाद हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल करने का फैसला लिया गया, इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 2016 के प्रकरण को देखते हुए उनकी वापसी पर रोक लगाई थी. लेकिन केंद्रीय हाईकमान की हरी झंडी के बाद हरक सिंह रावत को कांग्रेस में एंट्री दी गई है,हालांकि अभी यह तय नहीं है कि हरक सिंह रावत किस सीट से चुनाव लड़ेंगे,, लेकिन माना जा रहा है कि हरक सिंह रावत को लैंसडाउन या डोईवाला से मैदान में उतारा जा सकता है, कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह रावत ने कहा कि वह कांग्रेस के लिए अब निष्ठा के साथ काम करेंगे..
बीजेपी में टिकट के लिए बना रहे थे दबाव
हरक सिंह रावत बीजेपी में रहते हुए अपने और अपनी पुत्रवधू अनुकृति गोसाई के लिए टिकट का दबाव बना रहे थे, लगातार प्रेशर पॉलिटिक्स के जरिए बीजेपी पर दबाव बनाकर अपने परिवार के सदस्य को टिकट दिलाने की कोशिश में जुटे थे, उसी बीच हरक सिंह रावत के कांग्रेस में जाने की खबरें बीजेपी हाईकमान तक पहुंच गई, इसके बाद बीजेपी हाईकमान की हरी झंडी के बाद हरक सिंह रावत को कैबिनेट से बर्खास्त किया गया हो बीजेपी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था, उस दिन से लेकर आज तक हरक सिंह रावत दिल्ली में अपने लिए सियासी जमीन तलाशने की कोशिश कर रहे थे.
2016 में कांग्रेस सरकार गिराई
हरक सिंह रावत 2016 में कांग्रेस की सरकार गिराने के सूत्रधार भी माने जाते हैं हरक सिंह रावत समेत नौ विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे, 2017 में बीजेपी ने हरक सिंह रावत को कोटद्वार से टिकट दिया और जीत हासिल की और सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाया.
ये रहा राजनीतिक सफर
- 1991 में पौड़ी सीट पर जीत दर्ज की और तब उत्तर प्रदेश की तत्कालीन बीजेपी सरकार में उन्हें पर्यटन राज्यमंत्री बनाया गया.
- 1993 में बीजेपी ने एक बार फिर पौड़ी सीट से अवसर दिया और वे फिर से जीत दर्ज कर विधानसभा में पहुंचे.
- 1998 में टिकट न मिलने से नाराज हुए हरक ने बीजेपी का साथ छोड़ते हुए बसपा की सदस्यता ली .
- उत्तराखंड में 2002 में हुए विधानसभा के पहले चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर लैंसडौन सीट से जीते.
- 2007 में उन्होंने एक बार फिर लैंसडौन सीट से जीत दर्ज की. तब नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिली.
- 2012 के चुनाव में हरक ने सीट बदलते हुए रुद्रप्रयाग से चुनाव लड़ा और विधानसभा में पहुंचे.
- 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद हरक सिंह कांग्रेस के नौ अन्य विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे.
- 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें कोटद्वार सीट से मौका दिया और जीते.
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