Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड की रामनगर विधानसभा सीट कई मायनों मे काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी उप चुनाव लड़े थे और उत्तराखंड में 2002 से 2007 तक मुख्यमंत्री रहे. उस दौरान कांग्रेस के योगम्बर सिंह रावत ने एनडी तिवारी के लिए सीट खाली की थी और उन्होंने यहां से उप चुनाव जीता था.
इसलिए खास है ये सीट
रामनगर विधानसभा सीट कॉर्बेट नेशनल पार्क होने की वजह से पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है. यहां अधिकांश लोगों का व्यवसाय पर्यटन से जुड़ा हुआ है.
इस सीट पर पर्वतीय और मैदानी मतदाताओं की संख्या बराबर है. खास बात यह है कि रामनगर सीट पर कुमाऊं और गढ़वाल दोनों मंडल के लोग रहते हैं. इस बार मुकाबला बीजेपी के दीवान सिंह बिष्ट और कांग्रेस के महेंद्र पाल सिंह में होने जा रहा है, लेकिन इस बार रामनगर के जनता कैसे विधायक को चुनेगी यह जनता को 14 फरवरी को तय करना है.
ये है इस सीट का मिथक
रामनगर विधान सभा सीट नैनीताल जिले में आती है, इस सीट का कुछ हिस्सा पर्वतीय क्षेत्र में आता है तो अधिकांश हिस्सा मैदानी क्षेत्र का है इस सीट से एक मिथक ये भी जुड़ा है कि जिस पार्टी का विधायक रामनगर सीट से जीत कर आता है सरकार उसी पार्टी की बनती है. 2002 में कांग्रेस के योगेम्बर सिंह रावत विधायक बने तो कांग्रेस की सरकार बनी. वहीं 2007 में बीजेपी के दीवान सिंह बिष्ट चुनाव जीते और सरकार बीजेपी की बनी.
ऐसा है रिकॉर्ड
साल 2012 में रामनगर से कांग्रेस के टिकट पर अमृता रावत चुनाव जीतीं और सरकार कांग्रेस की बनी. 2017 में एक बार फिर से दीवान सिंह बिष्ट चुनाव जीते और सरकार बीजेपी की बन गई. इसके साथ ही उत्तराखंड की पहली निर्वाचित कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री दिवंगत नारायण दत्त तिवारी ने उपचुनाव में रामनगर सीट से ही चुनाव जीता था, जो कि पांच साल तक एकमात्र मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा करने का रिकॉर्ड बनाने में कामयाब रहे.
- रामनगर विधानसभा सीट
- मतदाता कुल 121348
- महिला 58794
- पुरुष 62553
- युवा मतदाता 28918
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