उत्तराखंड में कर्नल कोठियाल के हाथों AAP की कमान, BJP-कांग्रेस की कौन करेगा नैया पार?
उत्तराखंड में आप ने विधानसभा चुनाव के लिए अपना सीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया है. हालांकि, बीजेपी और कांग्रेस इस मामले में अभी आप से पीछे चल रही है.
Uttarakhand Assembly Election: बीजेपी और कांग्रेस उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए किसी भी एक चेहरे पर चुनाव लड़ने की स्थिति साफ नहीं कर पाई हैं. वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को देहरादून पहुंचकर पार्टी के सीएम उम्मीदवार की घोषणा कर दी. अरविंद केजरीवाल ने रि. कर्नल अजय कोठियाल को आप का सीएम चेहरा घोषित कर दिया. सियासी पंडित मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल की यह घोषणा बीजेपी और कांग्रेस के लिए मानसिक दबाव के तौर भी देखें तो गलत नहीं होगा.
दरअसल, कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता मानते हैं कि 2022 विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं होगा, सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा, पार्टी का कोई चेहरा है तो वो सोनिया और राहुल हैं. जबकि एक गुट हरीश रावत को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाना चाहते हैं. ये गुट मानता है कि हरीश रावत के नाम पर चुनाव लड़ा जाए तो कांग्रेस की सत्ता वापसी की जा सकती है. फिलहाल कांग्रेस मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर एकजुट नहीं दिखाई दे रही है. हाल ही में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी गणेश गोदियाल को मिली है. सीएम चेहरे को लेकर गोदियाल भी कुछ स्पष्ट नहीं कहते हैं. उनका मुख्यमंत्री के सवाल पर कहना है कि इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
हरीश बोले 'दुल्हन वही जो पिया मन भाए'
हरीश रावत से जब भी कांग्रेस के सीएम फेस को लेकर सवाल किया जाता है तो उनका जवाब अपने चिर-परिचित अंदाज में होता है. हरीश रावत कहते हैं कि 'दुल्हन वही, जो पिया मन भाए'. सियासी पंडित हरीश रावत के इस जवाब को कुछ इस तरह से लेते हैं. "हरीश रावत शायद यह कहना चाहते हैं कि जिसे लोग पसंद करते हैं वही सीएम चेहरा होता है. इस बात से उनका इशारा खुद पर भी माना जाए तो गलत नहीं." वहीं ये भी माना जाता है कि चुनाव कैंपेन कमेटी का जो अध्यक्ष होता है वो सीएम के चेहरे के तौर पर ही देखा जाता है.
धामी होंगे बीजेपी का सीएम चेहरा?
बीजेपी की बात करें तो विधानसभा चुनाव से ठीक पहले युवा चेहरे पर इस बार पार्टी ने दांव खेला है. पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता मानते हैं कि पुष्कर सिंह धामी के नाम के साथ ही पार्टी चुनाव मैदान में उतरेगी. तो कुछ यहां भी मुख्यमंत्री चेहरे पर स्पष्ट बयान देने से बचते हैं. दूसरी ओर पार्टी में बुजुर्ग और अनुभवी महारथियों की लम्बी कतार है. पार्टी में ये भी देखना दिलचस्प होगा कि अनुभवी नेता और युवा सीएम के समीकरण किस कदर बैठते हैं. कुल मिलाकर बीजेपी ने भी मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं कहा है.
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