उत्तराखंड (Uttarakhand)में इस बार विधानसभा चुनाव (Assembly elections) से ठीक पहले खूब दलबदल हुआ. कई दल बदलने वालों को जनता ने आशीर्वाद दिया तो कई को जनता ने नकारा भी. लेकिन इसमें खास बात ये रही कि बीजेपी (BJP) को छोड़ कांग्रेस (congress) में जाने वाले नुकसान में रहे.


यशपाल आर्य बाजपुर से बचा पाए अपनी सीट


बीजेपी को छोड़ कांग्रेस में गए केवल यशपाल आर्य ही बाजपुर से अपनी सीट बचा पाए, जबकि बीजेपी छोड़ने वाले अन्य में देखें तो टिहरी से धन सिंह नेगी हार गए, नैनीताल से संजीव आर्य भी हार गए. वहीं कांग्रेस (congress) से बीजेपी (BJP) में शामिल हुए किशोर उपाध्याय ने टिहरी से बीजेपी की टिकेट पर जीत दर्ज की. साथ ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आई सरिता आर्य भी बीजेपी की टिकेट पर नैनीताल सीट से जीत गईं.


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वहीं यमुनोत्री में कांग्रेस ने संजय डोभाल को टिकट नहीं दिया जबकि संजय डोभाल निर्दलीय लड़े और जीत हासिल की. ऐसे में कांग्रेस छोड़ने वाले तीन लोग जीते, जबकि बीजेपी छोड़ने पर सिर्फ यशपाल आर्य ही जीत हासिल कर पाए.


जानें किसे हुआ नुकसान किसे हुआ फायदा?


हरक सिंह को सबसे बड़ा नुकसान


बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गए संजीव आर्य हारे


बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गए धन सिंह नेगी हारे


बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गए यशपाल आर्य जीते


कांग्रेस छोड़ बीजेपी में गए किशोर उपाध्याय जीते


कांग्रेस छोड़ बीजेपी में गईं सरिता आर्य जीतीं


कांग्रेस छोड़ निर्दलीय संजय डोभाल जीते


जानें हरक सिंह को क्यों उठाना पड़ा नुकसान?


2022 के चुनाव में बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गये हरक सिंह रावत सबसे बड़े नुकसान में रहे. हरक सिंह रावत ने चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में घर वापसी की, हरक सिंह ने अपनी पुत्रवधू अनुकृति गुसांई को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ाया.


लेकिन अनुकृति चुनाव हार गईं. जबकि हरक सिंह रावत ने चुनाव ही नहीं लड़ा. ऐसे में कद्दावर नेता हरक सिंह इस बार सबसे ज्यादा नुकसान में रहे क्योंकि न ही वो कांग्रेस से चुनाव लड़े और न ही हरक सिंह की पुत्रवधू अनुकृति चुनाव जीत पाईं.


कुल मिलाकर देखें तो दलबदल करने वालों में बीजेपी में शामिल हुए नेता फायदे में रहे. बीजेपी छोड़ यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य कांग्रेस में तो गए, लेकिन यशपाल आर्य सिर्फ अपनी ही सीट बचा पाए, जबकि संजीव आर्य को सरिता आर्य ने नैनीताल सीट पर हरा दिया.


विधानसभा चुनाव के परिणाम बड़े दिलचस्प रहे बीजेपी ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस महज 19 सीटों पर सिमट गई. जबकि दो बसपा और दो निर्दलीय ने भी इस बार चुनावी रण में बाजी मारी.


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