Uttarakhand Politics: रंजीत रावत ने हरीश रावत पर लगाया पैसे लेकर टिकट देने का आरोप, पूर्व CM ने किया पलटवार
Uttarakhand Elections: चुनाव खत्म होने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ने की कोशिश की जा रही है. हार से खफा कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर गंभीर लगा रहे हैं.
Uttarakhand Election Result 2022: चुनाव खत्म होने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ने की कोशिश की जा रही है. हार से खफा कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर गंभीर लगा रहे हैं. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत ने तो हरीश रावत पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगा दिया. पलटवार करते हुए हरीश रावत ने भी साफ कह दिया कि यदि उन पर यह आरोप सिद्ध होते हैं तो उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया जाए.
उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के जो नतीजे आए हैं उसका कांग्रेस को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था. कांग्रेस मात्र 19 सीटों पर सिमट गई. कांग्रेस में हुई इतनी बड़ी हार को लेकर कांग्रेस के बड़े नेता एक दूसरे पर इसका ठीकरा फोड़ना चाहते हैं. हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और हरीश रावत ने इसकी जिम्मेदारी भी ले चुके हैं. लेकिन बावजूद इसके अब एक-एक पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं जो पार्टी के लिए गंभीर साबित हो सकते हैं. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत ने हरीश रावत पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगा दिया. रंजीत रावत ने हरीश रावत को टिकटों में धांधली करने के साथ-साथ कई नेताओं के टिकटों के उलटफेर के भी आरोप लगाए.
हरीश रावत ने दी सफाई
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दी है. हरीश रावत ने कहा कि यह आरोप मुझ पर लगाया गया है. मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस मुझे पार्टी से निष्कासित करें. हरीश रावत ने कहा कि उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वह गंभीर हैं और जो व्यक्ति इन आरोपों को प्रचारित और प्रसारित करवा रहा है वह भी महत्वपूर्ण पद पर बैठा है. उन्होंने कहा कि आरोप एक ऐसे व्यक्ति पर लगाया जा रहा है, जो मुख्यमंत्री रहा है. जो पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष रहा है और जो पार्टी का महासचिव रहा है और वर्तमान में कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य है. हरीश रावत ने कहा कि पार्टी मुझे निष्कासित करे.
प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कही ये बात
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सभी नेताओं को यह नसीहत दी है कि वह अपनी बात पार्टी फोरम पर रखें. आपसी बयानबाजी से पार्टी की छवि और ज्यादा धूमिल होगी. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया को सहारा ना बनाकर पार्टी स्तर पर बात रखने से बात का आसानी से समाधान भी हो सकेगा. कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच चल रही है जुबानी जंग आने वाले दिनों में कांग्रेस के लिए और भी घातक साबित हो सकती है क्योंकि यहां कांग्रेस को आपसी तकरार छोड़कर एकजुटता दिखाने की जरूरत है. ताकि कांग्रेस विधानसभा चुनावों में हुई हार का बदला आने वाले चुनावों में बीजेपी से ले सके.
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