Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड चुनाव की दहलीज पर खड़ा है. कोरोना की पाबंदियों के बीच इस बार 15 जनवरी तक चुनावी प्रचार वर्चुअल होगा. सभी राजनीतिक पार्टियां खुद को सोशल मीडिया पर एक दूसरे से बेहतर बताने में लगी हैं. चुनावी समर में कोरोना ने बहुत कुछ बदल दिया है. चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक रैलियों और भीड़ इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाया है. उत्तराखंड में 16 जनवरी तक सार्वजनिक कार्यक्रम, मनोरंजन, धरना प्रदर्शन और रैलियों पर सरकार पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है. 


सोशल मीडिया है पार्टियों का हथियार


पार्टियों के पास सोशल मीडिया इस बार चुनावी प्रचार के लिए बड़ा हथियार है, जिसको लेकर पार्टियां मेहनत करने में जुट गई हैं. सोशल मीडिया एक्सपर्ट संदीप भारद्वाज की मानें तो सोशल मीडिया का प्रचार पार्टियों को फायदा तो देगा लेकिन इसका कुछ नुकसान भी हो सकता है. 


सोशल मीडिया हथियार के जरिये ही पार्टियां अपनी बात लोगों के बीच रख सकेंगी. बीजेपी में सोशल मीडिया की बैठकें जारी हैं. बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने सभी के साथ बैठक ली और सोशल मीडिया के जरिये चुनावी प्रचार करने का मंत्र भी दिया. बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने ये भी कहा कि बीजेपी के सामने सोशल मीडिया पर सब फेल हैं.


आप कैसे करेगी सोशल मीडिया का इस्तेमाल


उधर उत्तराखंड में अपनी किस्मत आजमा रही आम आदमी पार्टी भी सोशल मीडिया को बड़े हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है. आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड से सीएम चेहरा, कर्नल अजय कोठियाल तो ये कहते दिखाई दिये कि 'बीजेपी की आईटी सेल तो बयानों का तोड़-मरोड़ करने में माहिर है'. कोठियाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी के मुखिया खुद इंजीनियर हैं ऐसे में वे ही सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा तैयार हैं.


कोरोना संक्रमण के बीच सोशल मीडिया टूल्स किस पार्टी के लिए कितना वरदान बनेंगे ये तो आने वाला समय तय करेगा. फिलहाल सभी पार्टियों के पास विकल्प सोशल मीडिया का ही है. अब इसी विकल्प को साथ लेकर पार्टियां प्रचार-प्रसार में जुट गई हैं. 


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