Uttarakhand News Today: उत्तराखंड के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य की बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर जुबानी हमला बोला है. उन्होंने हरिद्वार के दो बड़े मामलों शांतरशाह की बेटी निर्भया और सोहलपुर गाड़ा के वसीम की मौत मामले में न्याय की मांग की.


पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इन दोनों ही मामलों में न्याय तभी संभव है, जब एक उच्च स्तरीय एसआईटी (विशेष जांच दल) की स्थापना की जाए और इसकी जांच हाईकोर्ट की देख-रेख में की जाए.


शांतरशाह गैंगरेप पर क्या कहा?
हरीश रावत ने शांतरशाह की बेटी निर्भया के साथ हुए गैंगरेप के मामले में आरोप लगाया कि राज्य सरकार आरोपी बीजेपी नेता को बचाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि यह मामला इतना गंभीर है कि निष्पक्ष जांच के लिए हाईकोर्ट की निगरानी में एक उच्च स्तरीय एसआईटी की जरूरत है.


रावत के मुताबिक, राज्य सरकार इस मामले में न्याय देने की बजाय अपराधियों को लगातार बचाने की कोशिश कर रही है.  उन्होंने कहा, "निर्भया को तभी न्याय मिल सकता है, जब इस मामले की जांच हाईकोर्ट की देख-रेख में एक उच्च स्तरीय एसआईटी के जरिये की जाए. सत्ता तो अपने नेता को बचाना चाहती है, जो इस पूरे मामले में गैंगरेप और हत्या का दोषी है."


जिम ट्रेनर की मौत पर सरकार को घेरा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सोहलपुर गाड़ा के जिम ट्रेनर वसीम की मौत का भी जिक्र किया, जिसे वह राज्य सरकार के जरिये नजर अंदाज किया गया एक और गंभीर मामला मानते हैं. उन्होंने कहा कि इलाके में सब जानते हैं कि वसीम की मौत कैसे हुई, लेकिन सत्ता इस अपराध को दबाने और उसे दूसरा रूप देने की कोशिश कर रही है. 


हरीश रावत ने कहा कि वसीम को भी तभी न्याय मिलेगा, जब इस मामले की जांच उच्च स्तरीय एसआईटी के जरिये हाईकोर्ट की देखरेख में की जाएगी. उन्होंने कहा, "हम न्याय की लड़ाई को जारी रखेंगे."


'2027 चुनाव में बनायेंगे प्रमुख मुद्दा'
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, "अगर राज्य सरकार ने इन मामलों की जांच के लिए उच्च स्तरीय एसआईटी नहीं गठित की, तो यह हमारा संकल्प है कि हम इसे 2027 के चुनाव में प्रमुख मुद्दा बनाएंगे." उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि अपराधियों को दंड मिले और उन्हें बचाने वाले भी सजा से न बच पाएं."


रावत ने की CBI जांच की मांग
इससे पहले हरीश रावत ने दोनों मामलों की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. हरीश रावत ने कहा कि उन्हें पहले से ही अंदेशा था कि राज्य सरकार मामले को सीबीआई को सौंपने की हिम्मत नहीं करेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एसआईटी बनाकर भी मामले को दबाने की कोशिश कर रही है, जिससे अपराधियों को बचाया जा सके. 


ये भी पढ़ें: 'आंखें निकाल देंगे और दुकानों को भी जला देंगे', लव जिहाद पर धमकी देने वाले BJP नेता पर केस दर्ज