Uttarakhand News: उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रहे आई फ्लू के केस, दून मेडिकल कॉलेज में बढ़ने लगी मरीजों की संख्या
Uttarakhand Eye Flu News: दून मेडिकल कॉलेज के आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर पीयूष सोढ़ी ने कहा कि आई फ्लू से घबराने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि यह 1 से 2 हफ्ते में ठीक हो जाने वाली बीमारी है.
Uttarakhand Eye Flu: उत्तराखंड के साथ राजधानी देहरादून में भी कंजेक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. राजधानी देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में ऐसे मरीजों का तांता लगा हुआ है. आई फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा देखते हुए अस्पताल प्रबंधन भी लगातार लोगों से आइसोलेट होने को कह रहा है.
वहीं दून मेडिकल कॉलेज के आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर पीयूष सोढ़ी ने कहा कि आई फ्लू से घबराने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि यह 1 से 2 हफ्ते में ठीक हो जाने वाली बीमारी है, क्योंकि यह एक प्रकार का वायरस होता है और ऐसे में किसी व्यक्ति को अगर आई फ्लू हो जाता है तो उसे अपने आपको आइसोलेट कर देना चाहिए. दूसरों के संपर्क में नहीं आना चाहिए. उत्तराखंड में आई फ्लू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी भी जारी की है. आई फ्लू होने पर आंखों पर चश्मा लगा के रखें और दूसरों के संपर्क में आने से बचें ये बीमारी एक दूसरे के संपर्क आने से फैलती है. जो एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है, यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है 1 से 2 हफ्ते में बीमारी ठीक भी हो जाती है, फिर भी सावधानी बरतने की जरूरत है.
डॉक्टर ने कहा उत्तराखंड में मानसून सीजन में इस प्रकार से बीमारियों का बढ़ना चिंता का विषय है. एक और आई फ्लू तो दूसरी ओर डेंगू लोगों को बीमारी में ग्रसित कर रहा है. आई फ्लू होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और आंखों पर चश्मा लगा कर रखें. धूप से बचें और जितना हो सके घर से बाहर कम निकलें यह बीमारी एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलती है. इसलिए एक दूसरे के संपर्क में आने से बचें. उत्तराखंड में इन दिनों आई फ्लू का कहर जारी है.
आई फ्लू के मरीजों की संख्या तेजी से उत्तराखंड में बढ़ रही है. इस बीमारी को मेडिकल की भाषा में एडिनोवायरस बोला जाता है जो एक तरह का वायरस होता है. यह एक दूसरे के संपर्क में आने पर फैलता है. उनका कहना है कि जिसको भी यह बीमारी होती है हम उन्हें जनरल आइसोलेट होने के लिए कहते हैं. जो भी वह चीज इस्तेमाल करते हैं उनसे कहा जाता है कि वह चीजें किसी दूसरे को इस्तेमाल ना करने दें. क्योंकि यह एक दूसरे से संपर्क में आने से फैलती हैं और बहुत तेजी से फैलती हैं. जिससे और भी लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं.