Uttarakhand News: वन विभाग के अधिकारी की फर्जी चिट्ठी पहुंची शासन, दो अधिकारियों के विवाद की जांच शुरू
Uttarakhand Forest Department: उत्तराखंड वन विकास निगम में दो वरिष्ठ अधिकारियों की लड़ाई सुर्खियों में है. जहां आरएम पद पर तैनात हरीश पाल ने दूसरे अधिकारी की शासन में शिकायत की है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड वन निगम में तैनात दो सीनियर अधिकारी आपस में भिड़ गए हैं. विवाद इतना बढ़ गया कि एक अधिकारी ने दूसरे अधिकारी के खिलाफ शासन तक शिकायत कर दी है. शिकायत में उसने अधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और उसे चरित्रहीन,अय्याश, शराबी और घूसखोर बताया है. ये शिकायत रामनगर में वन विकास निगम में आरएम पद पर तैनात हरीश पाल ने की है जो वन विकास निगम में क्षेत्रीय प्रबंधक हैं.
उत्तराखंड में वन विकास निगम में दो सीनियर अधिकारी कैसे एक दूसरे के खिलाफ आरोप प्रत्यारोप लग रहे हैं, ये बेहद हैरान करने वाली बात है. एक चिट्ठी एबीपी लाइव के हाथ लगी है, जिसमें रामनगर वन विकास निगम में तैनात क्षेत्रीय प्रबंधक हरीश पाल ने अपने साथिया अधिकारी शेर सिंह पर काफी गंभीर आरोप लगाए हैं.
दूसरे अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप
शेर सिंह इन दोनों वन विकास निगम के मुख्यालय में तैनात हैं. उनके पास कई क्षेत्रों के चार्ज है. हरीश पाल ने अपनी शिकायत में शेर सिंह को अय्याश, भ्रष्टाचारी और शराबी बताया है. साथ ही उन्होंने कई गलत शब्दों का प्रयोग भी किया है. इस चिट्ठी के शासन में पहुंचने के बाद शासन भी सोचने को मजबूर है. इस पूरे मामले में जांच शुरू कर दी गई है, अब देखना यह होगा कि कैसे इस पूरे मामले की जांच की जाएगी. शिकायत करना एक अलग बात है, लेकिन किसी के प्रति इस प्रकार से शब्दों का प्रयोग करना हैरान करने वाला है.
जिस क्षेत्रीय प्रबंधक शेर सिंह पर आरोप लगाए गए हैं उनसे एबीपी लाइव ने बात की तो उनका कहना था कि जिन्होंने मुझ पर आरोप लगाए हैं वह फ्रस्ट्रेटेड है और पूर्वाग्रह से ग्रस्त है. इस प्रकार के आरोप लगाना कतई सही नहीं है. अगर मेरे खिलाफ कोई भी भ्रष्टाचार का आरोप है या जो उन्होंने आरोप लगाए है उनमें कुछ भी अगर सच्चाई है तो मेरे खिलाफ शासन को जांच करा लेनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.
दो अधिकारियों की लड़ाई सुर्खियों में
शिकायतकर्ता अधिकारी का कहना है कि शेर सिंह को जिस पद पर तैनाती दी गई है वो उसके काबिल ही नहीं हैं. जबकि कई उच्च अधिकारी खाली बैठे हैं, उन्होंने कई बार कहा है कि वन विकास निगम के चेयरमैन से उसकी सेटिंग है, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. अब इन आरोपों में कितनी सच्चाई है ये तो जांच का विषय है, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राज मैं कैसे दो अधिकारी लड़ रहे है ये परेशान करने वाली बात है.
प्रबंधक रामनगर वन विकास निगम ने दी सफाई
वहीं इस मामले में प्रबंधक रामनगर वन विकास निगम हरीश पाल ने बताया कि यह चिट्ठी मेरे नाम से फर्जी तरीके से शासन को भेजी गई है. इस प्रकार का कोई भी पत्र शासन को नहीं भेजा गया है. इस पत्र में जिस प्रकार के हस्ताक्षर हैं उसे प्रकार के हस्ताक्षर मेरे नहीं है. लिहाजा इस खबर को मैं पूरी तरह से नकारता हूं, ये पूरी तरह से फर्जी है मैंने कभी शासन को ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा. मुझे लगता है मेरे खिलाफ कोई साजिश कर रहा है. मुझे और मेरे विभाग को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, मैं इस के खिलाफ कानूनी करवाही करुंगा और इस संबंध में शासन को भी पत्राचार किया जाएगा.