Uttarakhand: क्रिकेट एसोसिएशन के 7 अधिकारियों पर FIR, टीम में जगह देने के लिए रिश्वत मांगने और मारपीट करने के आरोप
उत्तराखंड में क्रिकेट एसोसिएशन के 7 पदाधिकारियों पर केस दर्ज किया गया है. इनपर विजय हजारे टूर्नामेंट के दौरान एक क्रिकेटर से मारपीट के आरोप लगे हैं.
Uttarakhand News: क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (Cricket Association of Uttarakhand) एक बार फिर विवादों में है. इस बार मामला क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर मुकदमे तक पहुंच गया है. मामला एक खिलाड़ी से मारपीट और गाली गलौज से जुड़ा हुआ है. आरोप है कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने खिलाड़ी को टीम में रखने के एवज में 10 लाख रुपए भी मांगे थे. पीड़ित खिलाड़ी के पिता ने एसोसिएशन के 7 पदाधिकारियों खिलाफ मुकदमा दर्ज (FIR against Cricket Association Officials) कराया है.
FIR दर्ज कर हो रही मामले की जांच
देहरादून के वसंत विहार थाना क्षेत्र में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सचिव महिम वर्मा सहित 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. इन पर उत्तराखंड की टीम के खिलाड़ी आर्य सेठी के साथ मारपीट और गाली गलौज का आरोप है. आर्य सेठी (Arya Sethi) के तरफ से उनके पिता बिरेंद्र सेठी ने इसकी शिकायत पुलिस से की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए देहरादून एसपी सिटी सरिता डोभाल का कहना है कि एफआईआर के बाद जांच की जा रही है.
पैसा न देने पर टीम से बाहर रखने के आरोप
विवाद बीते साल दिसंबर महीने का बताया जा रहा है जब विजय हजारे टूर्नामेंट (Vijay Hazare Tournament) के दौरान उत्तराखंड की टीम राजस्थान के राजकोट पहुंची थी. यहां टीम के खिलाड़ी आर्य सेठी से टीम के कोच और एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मारपीट की और उन्हें टीम में खेलने से रोका गया. आर्य सेठी के पिता वीरेंद्र सेठी ने पुलिस को उस वक्त भी शिकायत की थी लेकिन तब एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी. वीरेंद्र सेठ ने आरोप लगाते हुए कहा, 'क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड गिरोह के रूप में काम कर रहा है जो खिलाड़ियों से टीम में शामिल करने के एवज में पैसे मांगता है और मुझसे भी एसोसिएशन द्वारा 10 लाख रुपये की डिमांड की गई थी. मेरे द्वारा पैसे ना दिए जाने पर मेरे बेटे आर्य सेठी के साथ गाली गलौज और मारपीट की गई और उसे टीम में खेलने से रोका गया.'
उत्तराखंड का खेल मंत्रालय भी हुआ अलर्ट
उधर, खेल मंत्री रेखा आर्य ने भी इस पूरे मामले का संज्ञान लिया है उनका कहना है कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड पूरी तरह से बीसीसीआई (BCCI) के अधीन काम करती है लेकिन खिलाड़ियों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से मुंबई में रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में उत्तराखंड को करारी हार मिली और खिलाड़ियों ने सुविधाओं को लेकर कई तरह के सवाल खड़े किए थे, यह सब एसोसिएशन को देखना होता है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी.
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